जमानियां। कोट के आदेश के बाद भी हर कार्य के लिए आधार कार्ड जरूरी है लेकिन आधार कार्ड बनाने के लिए जिम्मेदार बैंक एवं पोस्ट आफिस अपने दायित्वों का निर्वहन ठिक से नही कर रहा है। जिससे आधार कार्ड्र बनवाने के लिए लोगों को चक्कर काटने पड़ रहे है।
नगर पालिका क्षेत्र के यूनियन बैक ऑफ इंडिया, भारतीय स्टेट बैंक, काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक एवं पोस्ट आफिस में लोगों की सुविधा के लिए आधार केन्द्र खोले गये है लेकिन इन केन्द्रो पर महज खानापूर्ति ही की जा रही है। अधिकतर जगहों पर आधार कार्ड नही बनाये जा रहे है। करीब 10 लाख की आबादी से अधिक वाले इस क्षेत्र में दिये गये आधार केन्द्र ना काफी है। अधिकतर लोगों के आधार में संशोधन किया जाना है और बैंक पोस्ट आफिस के लापरवाही की वजह से लोग परेशान हो रहे है। इंटरनेट पर उपलब्ध डेटा के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक 22 जूलाई तक 252, काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक ने 20 जूलाई तक 889 और पोस्ट आफिस और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने पूरे माह एक भी आधार कार्ड नही बनाया। वही बैंक में दलालों की सेटिंग हो चुकी है और दलाल मोटी रकम लेकर आधार कार्ड बैंको में बनवा रहा है। काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक को छोड़ दिया जाए ताे कोई भी बैंक या पोस्ट आफिस अपने कार्यो को ठिक से नही कर रहा है। बलवीर सिंह, राकेश मौर्य, पंकज यादव, अजय गुप्ता, खालीद सिद्दीकी, संतोष कुमार आदि का कहना है कि बैंक और पोस्ट आफिस से इस कार्य को हटा कर जन सेवा केन्द्र को दे दिया जाना चाहिए ताकि लोगों को आधार कार्ड बनाने में सहूलियत मिलेगी। आधार बनाने के लिए कागजो के नाम पर बैंक के लोगों द्वारा परेशान किया जा रहा है जबकि आईडी के लिए 27, जन्मतिथि के लिए लिए 11 और पता के लिए 41 दस्तावेजों में से एक होना चाहिए। बैंक के लोगों द्वारा मनमानी की जा रही है।