जमानियां। नगर स्थित विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता कार्यालय पर लगातार निजीकरण के विरोध में चल रहे धरना प्रदर्शन में सोमवार को पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह के प्रतिनिधि मन्नू सिंह अपने समर्थकों के साथ पहुंच कर विभाग के कर्मचारियों के मांग को जायज ठहराया।
जिसके बाद वे भी धरना प्रदर्शन का समर्थन करते हुए समर्थकों के साथ धरना पर बैठक गये।
विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे कर्मियों ने मांगों का समर्थन करते हुए पूर्व मंत्री प्रतिनिधि अपने समर्थकों के साथ धरना पर बैठे और हूंकार भरी।
वक्ताओं ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में एक सितंबर से बिजली कर्मचारियों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। अधिशासी अभियंता महेन्द्र मिश्र ने कहा कि कार्पोरेशन प्रबंधन तानाशाही पूर्ण रवैया अपना कर ऊर्जा क्षेत्र अशांति का माहौल पैदा करने का काम कर रहा है। प्रबंधन अपनी असफलता को छिपाने के लिए सरकार को गुमराह कर रही है।
वही पूर्व मंत्री प्रतिनिधि मन्नू सिंह ने कहा कि ऊर्जा निगम प्रबन्धन द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्तुत किये गये प्रस्ताव एवं निजिकरण के उद्देश्य से लाये गये विद्युत अधिनियम 2020 कि निन्दा की। जनविरोधी एंव मजदूर विरोधी तथा किसान विरोधी प्रस्ताव बताते हुए वापस लेने की मांग की गई।
संयोजक निर्भय सिंह ने कहा कि प्रबन्धन एंव सरकार को आगाह किया गया की यदि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजिकरण का एवं विद्युत अधिनियम 2020 जनविरोधी कर्मचारी विरोधी फैसले को वापस नहीं लिया गया तो प्रदेश ऊर्जा क्षेत्र के तमाम कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर व इंजीनीयर प्रदेश व्यापी आन्दोलन को तेज करेंगे।
इस अवसर पर उपखंड अधिकारी वीके यादव‚ जेई इंद्रजीत पटेल‚ जेई शशिकांत सिंह‚ जेई तापस कुमार‚ दुर्गविजय प्रसाद‚ गुप्तेश्वर‚ धर्मेन्द्र यादव‚ अरविन्द यादव‚ विजय पटेल‚ ओम प्रकाश‚ राकेश‚ जन्नत‚ एहसानुल‚ अनीश अहमद‚ विनय‚ दिनेश‚ विनोद‚ पंकज पाल‚ अनूप जायसवाल‚ पीयूष कुमार‚ जीवन वर्मा‚ अनिल यादव आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता दुर्गविजय प्रसाद एवं संचालन धर्मेंद्र यादव ने किया।