हिन्दी हमारी पहचान और स्वाभिमान है-जनपद न्यायाधीश

हिन्दी हमारी पहचान और स्वाभिमान है-जनपद न्यायाधीश

गाजीपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में जनपद न्यायाधीश के निर्देशन में 16 सितम्बर, 2020 को साय 04ः30 बजे जनपद न्यायालय के दसकक्षीय सभागार में हिन्दी पखवारा के अवसर पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।

राघवेन्द्र जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि भारत जैसे विशाल देख में अनेक भाषा, जाति, धर्म के लोग रहते है। इस देश के लोगो का रिश्ता एक राज्य से दूसरे राज्य के साथ जुड़ा हुआ है जैसे व्यापार और संसकृति के कारण हम सभी लोग एक दूसरे के साथ जुड़े हुए है और इसके साथ उन सभी के बीच सही प्रकार के व्यवहारिकता को कायम रखने के लिए एक ऐसी भाषा होनी चाहिए जो सबको समझ मे भी आये और सबसे आसान भी हो। हिन्दी ही एक ऐसी भाषा है जो लिखने, बोलने तथा समझने में सरल भाष हैं हिन्दी दिवस/पखवारा इसलिए मनाया जाता है कि हिन्दी का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार हो तथा सम्मान हो, क्योकि यही हमारी पहचान है और स्वाभिमान है। हिन्दी हमारे देश की संस्कृति एवं संस्कारों का प्रतिबिम्ब है तथा राष्ट्र की एकता, अखण्डता व बंधुत्व के लिए राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी भाष की महानता होनी चाहिए। इस अवसर पर गौरव कुमार अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायिक अधिकारीगण में सुश्री शाम्भवी, अपर सिविल जज (जू0डि0), सिविल बार एसोसिएसन के अध्यक्ष रामप्रताप यादव, महासचिव, तारिक सिद्दिकी व उपाध्यक्ष लियाकत अली व सीताराम राय अधिवक्ता द्वारा अपना विचार रखा गया तथा सभी न्यायिक अधिकारीगण, बार संघ के सम्मानित अधिवक्तगण व न्यायालय के कर्मचारीगण व सुरक्षाकर्मी उपस्थित रहे। संजय सिंह तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, त्वरित न्यायालय, कक्ष सं0-9 गाजीपुर
द्वारा संचालन किया गया तथा उनके द्वारा भी यह बताया गया कि जब भारतीय संविधान बनकर तैयार हुआ था तो अंग्रेजी में बनकर तैयार हुआ था तथा काफी संघर्ष के बाद राष्ट्रपति के आदेश से हिन्दी में रूपांतरण हुआ।