गाजीपुर। छह माह की आयु पूरी करने के बाद बच्चे को स्तनपान के साथ-साथ ऊपरी अर्द्ध ठोस आहार देना भी जरूरी हो जाता है। राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता छह माह से ऊपर के बच्चों के घर जाकर उनको अन्नप्राशन करा रही हैं और माताओं को पूरक आहार के बारे में न केवल जानकारी दे रही हैं बल्कि इसे तैयार करने की ट्रेनिंग भी दे रही हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडे ने बताया कि इस बार कोविड-19 के चलते आंगनबाड़ी केंद्रों में अन्नप्राशन दिवस नहीं मनाया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता छह माह पूरे कर चुके बच्चों के घर जाकर उनको अन्नप्राशन करा रही हैं।
भदौरा परियोजना के सीडीपीओ एजाज अहमद ने बताया कि भादौरा परियोजना में 251 आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों की माताओं को जागरूक कर रही हैं कि ऊपरी ठोस आहार शुरू करने के साथ-साथ स्तनपान भी दो वर्ष तक जारी रखना जरूरी है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मीनाक्षी अमौरा लाभार्थी के घर पहुंचीं और एक बच्चे को छह माह की आयु पूरी करने पर अन्नप्राशन कराया। छह माह के बच्चों को ऊपरी अर्दध ठोस आहार देना उनके संपूर्ण मानसिक और शारीरिक विकास के लिए जरूरी है। छह माह की आयु पूरी करने पर केवल स्तनपान से बच्चे को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता। इसके साथ ही स्तनपान कराने के लिए अपने खानपान का ध्यान रखना भी जरूरी है। इस दौरान माताओं को बताया गया कि आयरन और कैल्शियम युक्त भोजन लें। इसके लिए उन्हें अपने भोजन में दालें, अंकुरित दलहल और हरी पत्तेदार सब्जियों के अलावा, दूध और दही शामिल करना चाहिए। डाक्टर की सलाह पर आयरन और कैल्शियम के सप्लीमेंट लिए जा सकते हैं।
जब भी बच्चा भूखा होने का संकेत करे तो उसे अपना दूध पिलाएं। ऊपरी आहार शुरू करने पर शुरू में दो से तीन चम्मच नरम भोजन, जैसे दलिया, ठीक से मसली हुई सब्जी या दाल, रोजाना दो से तीन बार दें। ध्यान रहे कि ऊपरी अर्द्ध ठोस आहार की शुरुआत दोपहर को करें। दोपहर को बच्चे के लिए इसे पचाना आसान रहता है और दिन में ठोस आहार तैयार करने में भी सुविधा रहती है। मौसमी सब्जियों और फलों को शिशु के आहार में शामिल करना न भूलें। खिलाने से पहले बीज और छिलका अच्छे से निकाल दें। ध्यान रहे कि शिशु का आहार तैयार करते समय मसाले का प्रयोग न करें। साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। खिलाने से पहले और बाद में अपने हाथों को अच्छी तरह साबुन-पानी से साफ करना न भूलें। एक बात का और ध्यान रखने की सलाह भी दिया।
जिला स्वस्थ भारत प्रेरक जितेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि सही समय पर अन्नप्राशन के माध्यम से परिवार व समुदाय में बच्चों के आयु के सापेक्ष निरंतर वजन करके बच्चों को अर्ध ठोस आहार देकर उनके मानसिक, बौद्धिक और शारीरिक विकास में सहयोग प्रदान करना ही पोषण अभियान का उद्देश्य है।