कन्दवा(चन्दौली)। क्षेत्र के गोरखा हनुमान मंदिर पर मानस समिति इमिलिया गोरखा के तत्वावधान में चल रहे रामकथा के दूसरे मंगलवार को कथावाचकों ने श्रद्धालुओं को रामकथा की गंगा में खूब गोते लगवाए।
श्रीराम कथा के दूसरे दिन वाराणसी से पधारे पंडित सच्चिदानंद त्रिपाठी ने लंका में हनुमान का प्रवेश,सीता से मिलन और लंका दहन की कथा का वर्णन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिससे मिलकर मन शांत, शीतल, प्रसन्न, चिंतामुक्त, पवित्र हो जाए वही संत है। आजमगढ़ से पधारे पंडित गोविंद शास्त्री ने श्रद्धालुओं को चूड़ामणि के बारे में बताते हुए कहा कि चुड़ामणि समुद्र से निकली थी।यह मणि विजयप्रदायिका थी। जिसके पास रहती थी उसकी विजय होती थी। इस मणि को माता सीता अपने मस्तक पर धारण करती थीं। इस दौरान सूर्यभान सिंह, हरीश सिंह, सतीश सिंह, दिनेश तिवारी, कपिलदेव उपाध्याय, सियाराम यादव, पप्पू सिंह, राम अवतार आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।