गाजीपुर। कोविड-19 से बड़ी संख्या में लोग पॉजिटिव हुए लेकिन सही समय से इलाज और सक्रियता से कोरोना को मात देकर एक बार फिर से सही मायने में कोरोना योद्धा कहलाने का गौरव प्राप्त किया है। ऐसी ही एक कोरोना योद्धा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिर्जापुर की ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम) सोनल श्रीवास्तव है, जो अपने पति और बेटे के साथ स्वयं भी पॉजिटिव हो चुकी थीं। अब पूरे परिवार सहित कोविड-19 को मात देकर एक बार फिर से अपनी ड्यूटी पर लौटकर लोगों की सेवा में जुट गयीं हैं। इसी तरह एक इलेक्ट्रॉनिक चैनल के मीडिया कर्मी ने कोविड-19 के लक्षण की जानकारी होते ही डॉक्टरों की सलाह और होम आइसोलेशन में रहकर कोरोना को मात दिया।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बीपीएम सोनल श्रीवास्तव ने बताया कि अप्रैल में कोविड-19 पॉजिटिव हुई थीं। इस दौरान उनके पति और बेटा – बेटी भी पॉजिटिव हो चुके थे। इन सभी लोगों ने अपने आपको होम आइसोलेट कर कोविड-19 गाइड लाइन का पालन करते हुए कोरोना को शिकस्त दिया। अब स्वस्थ होने के बाद भी सभी प्रोटोकाल का हर वक्त ख्याल रखतीं हैं। उन्होंने बताया कि उनके स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत लगातार कोविड-19 उपचारधीनों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, जिसकी जानकारी वह फोन से लेती हैं और उन इलाकों का आशा और आंगनबाड़ी की मदद से सर्वे कराया जाता है। लक्षणयुक्त व्यक्ति का कोविड-19 का टेस्ट करवाती हैं ताकि वह समय रहते स्वस्थ हो सके। इस दौरान उन्होंने बताया कि उनके स्वास्थ्य केंद्र पर डॉ यशवंत गौतम ,डॉ एके राव, एएनएम सोनी और दुर्गा देवी भी पिछले दिनों कोविड-19 पॉजिटिव हुए थे, लेकिन अब सभी स्वस्थ होकर अपने कार्य पर लौट चुके हैं।
उन्होंने बताया कि इस दौरान उनके द्वारा सुबह और शाम टहलने के साथ ही योगा और मेडिटेशन भी दोनों टाइम करती थी। इस दौरान किसी भी तरह का टेंशन अपने से दूर करने के साथ समाचार पत्रों और टीवी से दूरी बनाई हुई थी । खाने पीने में हरी सब्जी, दाल रोटी और विटामिन सी युक्त फल के साथ ही दिन में 3 से 4 लीटर गर्म पानी ,दो टाइम भाप लेना और गलाले करना डेली के रूटीन में शामिल था। साथ ही एसीएमओ डॉ डीपी सिन्हा के द्वारा बताए गए दवा भी नियमित लेती रही।
मीडिया कर्मी भी बड़ी तेजी से कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे ही मीडिया कर्मी आशुतोष त्रिपाठी भी 15-16 अप्रैल को कोविड-19 के लक्षण से प्रभावित हुए थे। उन्होंने तत्काल एसीएमओ डॉ के के वर्मा की सलाह पर दवा भी शुरू कर दिया और कुछ दिनों बाद जब आरटी पीसीआर की रिपोर्ट आई जिसमें वे पॉजिटिव पाए गए लेकिन इसके पहले ही उन्होंने दवा के साथ अपने आपको होम आइसोलेट कर लिया था। उन्होंने बताया कि मुझे 15-16 अप्रैल से बुखार और सांस लेने में तकलीफ शुरू हुई बाकी अन्य कोई दिक्कत मुझे नहीं थी। कोरोना की रिपोर्टिंग की वजह से मुझे इसका कुछ अनुभव था। इसलिये अनुमान तो हो गया कि मैं कोविड की चपेट में आ गया हूं। मैंने 17 अप्रैल को जिला अस्पताल में कोविड जांच करायी। एंटीजन रिपोर्ट नेगेटिव आयी पर 21 अप्रैल को आरटी पीसीआर रिपोर्ट पाजिटिव आयी।
यहां मैं महत्वपूर्ण बात यही बताना चाहता हूं कि मैंने रिपोर्ट का इंतजार किये बगैर 17 अप्रैल को ही डा0 के के वर्मा से संपर्क किया और उन्होंने मुझे तत्काल दवायें शुरू करने की सलाह दीं। मैंने उनकी सलाह से दवायें शुरू कर दीं। इसके साथ ही मैंने होमियोपैथी के चिकित्सक डॉ विजेंद्र प्रताप सिंह से भी संपर्क किया उन्होंने मुझे जो दवाएं बतायीं उन्हें भी शुरू कर दिया।
अब मैं लगभग पूरी तरह से स्वस्थ हो चुका हूं और डॉ के के वर्मा व डॉ विजेन्द्र प्रताप सिंह की वजह से मेरे जीवन की रक्षा हुई। हालांकि अभी मुझे कम से कम एक महीने आराम करने की सलाह दी गयी है।
उन्होंने कहा- मैं तो लोगों से यही कहना चाहूँगा कि जिसे भी कोरोना के कोई लक्षण दिखे तो तत्काल डाक्टर से सलाह लेकर दवा शुरू कर दें। रिपोर्ट का इन्तजार न करें। अभी भी ज्यादातर लोग घर में ही ठीक हो रहे हैं। अस्पताल उसी को जाना पड़ रहा है जिसका आक्सीजन लेवल कम हो रहा है। बाकी लोग घर मे ही स्वस्थ हो रहे हैं। आक्सीजन लेवल बनाये रखने में पेट के बल लेटना और होमियोपैथी बहुत उपयोगी है। इस दौरान काढ़ा, भाप आदि जरूर लेते रहें और बहुत तनाव न लें क्योंकि आप जिससे बात करेंगे वह आपको कोई न कोई इलाज जरूर बतायेगा। दवा और थोड़ी सी सावधानी बरतकर इस बीमारी से लड़ा जा सकता है।