गाजीपुर। जिला कृषि अधिकारी ने कृषक भाईयो से अनुरोध किया है कि धान की फसल कटाई के उपरान्त फसल अवशेष न जलाएं बल्कि फसल अवशेष को विभिन्न कृषि यंत्रों के माध्यम से मृदा में मिलाएं कृषिगत भूमि में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा निरन्तर घट रही है।
अवशेष मात्रा मिलाने से मृदा में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ेगी। जलाने पर पर्यावरण प्रदूषण होगा, साथ ही मृदा के मित्र जीव भी नष्ट हो जाते है। चारे की समस्या के साथ मृदा तापमान में भी वृद्धि होती है। कृषक भाई धान पराली को मृदा में मिलाकर कार्बनिक खाद बनाये और पर्यावरण प्रदूषण से बचे। मृदा में मिलान से मृदा में कम हो रहे कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढेगी। वेस्ट डी कम्पोजर का प्रयोग कर पराली अवशेष को सड़ाकर विभिन्न कृषि यंत्रों के माध्यम से मिट्टी में मिलायें । उन्होने कम्बाईन हार्वेस्टर मालिको को निर्देश दिया है कि बिना एसएमएस लगाये फसल की कटाई न करे, यदि बिना एसएमएस के कम्बाईन हार्वेस्टर चलाते हुए पाये जाते है तो कम्बाईन हार्वेस्टर स्वामी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।