गाजीपुर। पोषण हम सभी की आवश्यकता है लेकिन यह सिर्फ पोषण माह में याद नहीं रखना है। ‘सही पोषण-देश रोशन’ को हमें 12 महीने अपनी दिनचर्या में रखना होगा तभी हम स्वस्थ रहेंगे और आने वाली किसी भी आपदा से डटकर मुकाबला कर सकेंगे। यह कहना है जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दिलीप कुमार पांडे का। डीपीओ बुधवार को आयोजित मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तत्वाधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से प्रकाश नगर स्थित एक होटल में आयोजित कार्यशाला में वक्ताओं ने पोषण पर खुलकर वार्ता की।
डीपीओ दिलीप कुमार पांडे ने कहा कि बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) के अंतर्गत सभी विकासखंडों में राष्ट्रीय पोषण माह में पोषण व स्वास्थ्य से जुड़ी जन जागरूकता गतिविधियां की गईं। पोषण माह का समापन 30 सितंबर को किया जाएगा। उन्होने कहा कि पोषण माह के समापन होने से विभाग की जन जागरूक गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह निरंतर चलने वाला एक अभियान है। मुख्य सेविकाओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने उत्साहपूर्वक और हर्षोल्लास से पोषण माह को सफल बनाया है और आगे भी वह इसी जोश से कार्य करेंगी। उन्होने कहा कि स्वस्थ और सुपोषित समाज के लिए पोषण माह को जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है।
डीपीओ ने कहा कि संभव अभियान जुलाई से सितंबर तक चल रहा है। इसमें जुलाई को मातृ पोषण के रूप में मनाया गया। अगस्त को बाल पोषण तथा सितंबर को प्रथम 1,000 दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। कुपोषित बच्चों के प्रबंधन के तरीके बताते हुए कहा कि आंगनबाड़ी, आशा, एएनएम संयुक्त रूप से कुपोषित बच्चों का चिह्नांकन करेंगी। जो बच्चे सैम होंगे उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र में भेजा जाएगा।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अगले माह कृमि मुक्ति अभियान शुरू होने जा रहा है। मैं सभी अपील करूंगा कि इस अभियान के तहत आप लोग विभाग की तरफ से मिलने वाली मुफ्त दवा का सेवन अपने बच्चों को अवश्य कराएं। इससे पेट के कीड़े जो कि आपके शरीर के लिए हानिकारक हैं बाहर निकलेंगे आऊर आपका बच्चा जो खाएगा। वह उसके शरीर को लगेगा। आपका बच्चा स्वस्थ होगा। उन्होंने कहा कि कुपोषण एक गंभीर समस्या है। इसके लिए हम सभी आगे आना होगा।
सीडीपीओ एजाज अहमद ने पीपीटी के माध्यम से कुपोषण के कारण तथा उसके परिणाम बताए। उन्होंने बताया कि अपर्याप्त भोजन, बार-बार बीमार होना, खाने के तरीके सही नहीं होना, पेट में कीड़े होना आदि स्थितियां बताती हैं कि बच्चा कुपोषित है। कुपोषण के परिणामस्वरूप मृत्यु तक हो सकती है जबकि पढ़ाई में अरुचि, अत्यधिक थकान महसूस होना, काम में मन नहीं लगना, कार्य क्षमता में कमी की स्थिति बनती है।
इसके साथ ही जखनियाँ के सीडीपीओ धनेश्वर राम ने एनीमिया से मुक्ति व रोकथाम के बारे में विस्तृत जानकारी दी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीता यादव व वंदना ने पोषण पुनर्वास केंद्र के माध्यम से ठीक हुये सुपोषित बच्चों के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम का समापन पर एनआरसी से आए दो लाभार्थियों के परिजनों को पोषण पोटली वितरित की गई।
कार्यक्रम की शुरुआत डीपीओ दिलीप कुमार पांडे, एसीएमओ डॉ मनोज कुमार सिंह, ब्यूरो चीफ अनिल कुमार उपाध्याय व सीफार के मंडलीय समन्वयक शुभम गुप्ता ने दीप प्रज्ज्वलित कर की। कार्यक्रम का संचालन सीडीपीओ राजेश कुमार सिंह ने किया। इस मौके पर सीडीपीओ प्रशांत सिंह, अखिलेश चौहान, सीफार से मनोज, जय प्रकाश, राहुल जनपद स्तरीय प्रिन्ट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधि मौजूद रहे।