गाजीपुर। माननीय राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशों के अनुपालन में मंगलवार को जिला कारागार, गाजीपुर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गाजीपुर की पूर्णकालिक सचिव, सुश्री कामायनी दूबे, द्वारा शिविर का आयोजन एवं जेल का स्थलीय निरीक्षण किया गया।
बंदियों से निःशुल्क अधिवक्ता, जेल लोक अदालत तथा उनकी जेल अपील से संबंधित अन्य समस्याएं पूछी गयी एवं उनके यथोचित अधिकार हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। बंदियों को उनके संवैधानिक अधिकारों के विषय में विस्तृत जानकारी दी गयी तथा मा0 उच्चतम न्यायालय के द्वारा प्रतिपादित विधि व्यवस्था अरनेश कुमार बनाम बिहार राज्य के महत्वपूर्ण बिन्दू पर प्रकाश डाला गया। कारागार अधीक्षक द्वारा बताया गया कि वर्तमान में कुल 1025 बंदी निरूद्ध है। जिसमें 919 पुरूष, 34 महिला बंदी निरूद्ध है व 72 अल्पवयस्क है। सुबह का नाश्ता-चना, चाय दोपहर का भोजन-रोटी, चावल, अरहर की दाल सब्जी (आलू, पालक), शाम का भोजन-रोटी, चावल, उर्द, चना की दाल, सब्जी (आलू, बैगन) बनायी जाती है। सचिव महोदया ने सिद्धदोष बंदी, विचाराधीन बंदी एवं कोफेपोसा के अन्तर्गत निरूद्ध बंदी को कोविड-19 को देखते हुए नए बंदियों को पहले आइसोलेट रखने के साथ ही संदिग्ध लक्षण होने पर जांच और सेनेटाइजेशन के निर्देश दिए। सचिव ने जेल के कई बंदियों से बात कर उनकी समस्याओं को समझने के साथ ही उनके निस्तारण का निर्देश दिया। सचिव ने कारापाल को जिला कारागार में स्थित जेल लीगल क्लीनिक पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए ताकि जेल में निरूद्ध बंदियों को समय से व समुचित विधिक सहायता प्राप्त हो सके। इस अवसर श्री हरिओम शर्मा, कारागार अधीक्षक, श्री रविन्द्र यादव, कारापाल, श्री कमल चन्द, डिप्टी जेलर, गाजीपुर, जेल विजिटर श्री घनश्याम लाल श्रीवास्तव एवं विधिक प्रकोष्ठ अधिवक्ता श्रीमति खुर्शीदा बानों उपस्थित रहे।