गाजीपुर। आजादी की 75वीं वर्षगाठ के उपलक्ष्य में श्री प्रशान्त मिश्र, मा0 जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गाजीपुर की अध्यक्षता में संविधान दिवस मनाये जाने हेतु प्रातः 10ः00 बजे समस्त न्यायिक अधिकारीगण, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीगण जनपद न्यायालय गाजीपुर के विडियों कान्फ्रेसिंग कक्ष में उपस्थित हुए।
श्री प्रशान्त मिश्र, मा0 जनपद न्यायाधीश, गाजीपुर द्वारा समस्त अधिकारीगण व कर्मचारीगण को भारतीय संविधान में निष्ठा रखने एवं संविधान का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु संविधान की उद्देशिका का शपथ दिलाया गया तथा बताया गया कि डा0 बी0आर0 आम्बेडकर ने 25 नवम्बर सन् 1949 को संविधान सभा के अंतिम भाषण में कहॉ था कि ”संविधान चाहे जितना अच्छा हो यदि उसे संचालित करने वाले लोग बुरे है तो वह निश्चित बुरा हो जाता हैं और यदि उसे संचालित करने वाले लोग अच्छे है तो वह संविधान निश्चित अच्छा होता है”। इस संगोष्ठि में संविधान में उल्लिखित मौलिक कर्त्तव्य, महात्मा गांधी, डा0 भीमराव अम्बेडकर एवं सरदार बल्लभ भाई पटेल जी के विचारों से समस्त न्यायिक अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण को अवगत कराया गया व उनके आदर्शो को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।
इस अवसर पर श्री शिवकुमार सिंह, मा0 प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय गाजीपुर द्वारा यह बताया गया कि संविधान भारत का राजधर्म है। आज संविधान प्रवर्तन के 75 वर्ष पुरे हो रहे है। संविधान सभा के प्रारूप समिति के सभापति डा0 बी0आर0 अम्बेडकर ने ही संविधान पारण का प्रस्ताव रखा था। इस प्रकार 26 नवम्बर सन् 1949 की तिथि भारतीय गणतंत्र के लिए ऐतिहासिक महत्व की है।श्री राहुल कुमार कत्यान, मा0 पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, गाजीपुर द्वारा बताया गया कि संविधान दिवस को राष्ट्रीय उत्सव के भांति मनाया जाय तो निश्चित ही आम जनता जागरूक होगी तथा भारतीय संविधान को एवं उसमें वर्णित मौलिक कर्त्तव्यों को जानने का प्रयास करेगी और जब जनता जान जायेगी तो स्वभाविक है कि वह संविधान को मानेगी। श्री राम सुध सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कक्ष सं0-01 गाजीपुर, द्वारा भारतीय संविधान भारत के लोगो के लिए अपने में विशेष अधिकार समाहित किये हुए है और एकता और अखण्डता को अक्षुण्ण बनानें में भी पुरी तरह से सुदृढ़ है। समता, स्वतंत्रता, न्याय एवं बंधुत्व पर आधारित समाज के निर्माण की परीकल्पना संविधान के प्रस्तावना में उल्लिखित है। कार्यक्रम के दौरान सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग गाजीपुर द्वारा एल.ई.डी. वैन के माध्यम से लाइव प्रसारण दिखाया गया। इस अवसर पर सुश्री कामायनी दूबे, पूर्णकालिक सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गाजीपुर द्वारा सभा को संबोधित करते हुए बताया गया कि किसी भी देश के संविधान की उद्देशिका उस देश का आईना होता है। मौलिक कर्त्तव्यों के अन्तर्गत संविधान के अनुच्छेद-51 ”क”(ड़) में उल्लिखित ” भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करें जो स्त्रियों के सम्मान के विरूद्ध है। भारतीय संविधान में निष्ठा रखने एवं संविधान का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु संविधान की उद्देशिका का शपथ दिलाया गया तथा मौलिक कर्त्तव्यों के बारे में बताया गया।