चिकित्सक से परामर्श के बाद ही दवाइओं का प्रयोग करें

चिकित्सक से परामर्श के बाद ही दवाइओं का प्रयोग करें

गाजीपुर। अपर जिलाधिकारी (वि0/रा) गाजीपुर ने बताया है कि अत्यधिक ठण्ड/शीतलहर होने की दशा में छोटे बच्चों, बुजुर्गो एवं गर्भवती महिलाओ को घर के अन्दर ही रहे। स्थानीय रेड़ियाें, दैनिक समाचार पत्र, टी0बी0, मोबाईल फोन एवं वाटसअप के माध्यम से मौसम की जानकीरी प्राप्त करते रहे।

स्वंय सर्तक करे और अन्य व्यक्तियों को भी सर्तक करें। गीले कपडे़ से ठण्ड लगने की प्रबल सम्भावना बनी रहती है। मिट्टी का तेल, कोयले की अंगीठी, हीटर इत्यादि का प्रयोग करते समय सावधानियॉ बरते। कमरे में शुद्ध हवा का आवागमन, वेन्टिलेशन, वायु-संचार बनाये रखें ताकि कमरे में विषाक्त, जहरीला धुआं इकट्ठा न हो। सोने से पहले हीटर, ब्लोवर, कोयले की अगंीठी आदि को अवश्य बंद कर देें। कई स्तरों वाले गर्म कपडे़ जैसे-ऊनी कपडे़, स्वेटर, टोपी, मफलर इत्यादि का प्रयोग आपको शीतदंश/ठण्ड के प्रभाव से बचा सकता है। शरीर में ऊष्मा के प्रवाह को बनाये रखने के लिए पोषक आहार एवं गर्म पेय पदार्थों का नियमित सेवन किया जाना लाभकारी होगा। हाइपोथर्मिया के लक्षणों जैसे-असामान्य शरीर का तापमान, भ्रम या स्मृति हानि, बेहोशी, विचलन, असीमित ठिठुरना सुस्ती, थकान, तुतलाना, थकावट इत्यादि की स्थिति उत्पन्न होने पर अपने नजदीकी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रोंपर सम्पर्क करें। शीतदंश/ठण्ड के लक्षणों जैसेः-शरीर के अंगो का सुन्न पड़ना, हाथों-पैरों की उँगलियों, कान नाक आदि पर सफेद या पीले रंग के दाग उभर आने पर अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श के बाद ही दवाइओ का प्रयोग करें। अपने आस-पास अकेले रहने वाले पड़ोसियों की जानकारी रखें, विशेषकर बुजुर्गो व्यक्तियो का पूर्ण विवरण एवं मोबाईल नम्बर अवश्य रखेे। किसी भी आपात कालीन स्थिति से निपटने के लिए एक आपातकालीन डायरी बनाये जिसमें पुलिस, चिकित्सा, अग्निशमन, एवं अन्य महत्वपूर्ण विभागो के नम्बर दर्ज रखंे और इसकी जानकारी परिवार के प्रत्येक सदस्यो को होनी चाहिए।