चैतन्य झांकी के द्वारा कलुषित विचारों का त्याग करने का दिया गया संदेश

चैतन्य झांकी के द्वारा कलुषित विचारों का त्याग करने का दिया गया संदेश

जमानियाँ।प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा क्षेत्र के बरूइन मोड़ पर तीन दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन नवमी को चैतन्य देवीयों की आकर्षक झांकी का प्रस्तुतिकरण कर श्रद्धालुओं व जनसमूह को मन्त्रमुग्ध कर दिया।

ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा देवियों के नौ रुपों का चैतन्य झांकी का रूप श्रद्धालुओं को दिखाया गया।चैतन्य झांकी के द्वारा आम जनमानस के मन में ब्याप्त कलुषित विचारों को त्याग कर शुद्ध मन से भक्ति करने के लिए प्रेरित किया गया तथा झांकी के द्वारा दर्शाया गया कि मनुष्य के मन में ब्याप्त अवगुण ही महिषासुर राक्षस का स्वरूप है जिसे माँ दुर्गा के द्वारा संहार कर समाज में व जनमानस के मन में सत्य की स्थापना की गयी।

कर्णप्रिय ध्वनि व प्रकाश के अद्भूत समायोजन से परिपूर्ण शिव की शक्ति, राजयोग, अभ्यासरत् ब्रह्माकुमारी बहनों को चैतन्य देवियों के जड़ मूर्ती के समान नौ रुपों का दर्शन कर श्रद्धालु भाव विहवल हो गये तथा उपस्थित जनसमूह ने चैतन्य झांकी की खूब सराहना की ।

चैतन्य झांकी में माँ दुर्गा के रूप में खुशबु , माँ लक्ष्मी के रूप में सुहानी, माँ सरस्वती के रुप में अनन्या , माँ उमा के रुप में वैष्णवी , माँ गंगा के रुप में रंजना , माँ काली के रूप में ऑचल, माँ ब्रह्माचारीणी के रूप में तन्नू,गणपति के रुप में ज्योति, कार्तिक के रूप में खुशी, महिषासुर के रूप में त्रिभुवन ने भूमिका निभाई।

ब्रह्माकुमारी संस्था के आयोजक ब्रह्माकुमारी काजल ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन दशमी को किया जायेगा।इस कार्यक्रम को बेहतर करने के लिए ब्रह्माकुमारी मेधा, खुशबु, राना, सन्तोष, विजय, शंकर, किरन विशेष योगदान दे रहे है। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्‍वरीय विश्‍व विद्यालय जीवन की दौड़-धूप से थक चुके मनुष्यों को शांति की ओर प्रवृत्‍त करता हैं।यह कोई नया धर्म नहीं बल्कि विश्‍व में व्‍याप्‍त धर्मों के सार को आत्‍मसात कर उन्‍हें मानव कल्‍याण की दिशा में उपयोग करने वाली एक संस्‍था है।