Posted inसाहित्य एवं कला दहेज दहेज गरीबी अब शैतान लगत बा। गरीबी अब शैतान लगत बा। बचिया के तिलकहरू अइलें ख़िरकदम रसगुल्ला खइलें। ऊपर से फिर चाय पकौड़ी घर में ना पैसा दुई कौड़ी। खाये… 13-05-2019