चकरोड़ न होने से ग्रामीणों में गुस्सा

चकरोड़ न होने से ग्रामीणों में गुस्सा

मरदह(गाजीपुर)। सरकार लाख दावे कर ले पर गांवों में विकास के, लेकिन जमीनी हकीकत ठीक इसके उलटा है। विकास के दौर में भी मूलभूत सुविधाओं व विकास से कोसो दूर। जमीनी हकीकत के लिए उदाहरण के तौर पर बिरनो विकासखंड के लहुरापुर गांव के गुरिया उसर दलित बस्ती में पिछले दो दशकों से आवागमन के लिए चकरोड तक नहीं बना है। दर्जनों की संख्या में गुस्साए ग्रामीणों ने बीच रास्ते पर पानी में खड़े होकर जनप्रतिनिधियों के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार किया।

ग्रामीण रामअवध राम, रामदास राम, राजेन्द्र राम, गुलौची देवी, राकेश कुमार, नरेंद्र राम, अशोक कुमार, बलजोर राम, मुकेश कुमार, दया राम, रामप्रवेश राम, संजय कुमार, सुख्खू राम आदि ने बताया चकरोड़ निर्माण के लिए कई-कई बार सचिव, ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य,ब्लाक प्रमुख से लेकर जिले के जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया गया लेकिन किसी ने भी इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने बताया घुटने भर पानी में हमलोग आने जाने के लिए मजबुर है। यहां तक की गांव में नात रिश्तेदार भी अब आने से हिचकिचाते है। बरसात के मौसम में पूरे दलित बस्ती के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।उसके बाद भी कोई सूध लेने वाला नहीं। आगे बताया वर्तमान ग्राम प्रधान सिर्फ अपने चहेतों का ही विकास करने में लगा हुआ है।ग्रामीणों ने चेताया है कि गांव का चकरोड नहीं बना तो हम लोग जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे। इस सबंध में बिरनो खंड विकास अधिकारी प्रीति तिवारी ने बताया कि मामले की जांच ग्राम विकास अधिकारी को दिया गया है, जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा।