
जमानिया। तहसील क्षेत्र के ताजपुर माझा गांव में आजादी के 76 साल बाद बहुप्रतीक्षित चकबंदी प्रक्रिया शुरू होने से ग्रामीणों में हर्ष का माहौल है। गांव के खेल मैदान पर एक खुली बैठक शुक्रवार को आयोजित की गई, जिसमें चकबंदी अधिकारी, लेखपाल, ग्राम प्रधान आदि ने किसानों को जानकारी दी।
बैठक में सहायक चकबंदी अधिकारी अरुण कुमार, कानूनगो पवन कुमार शर्मा और लेखपाल रामचंद्र यादव ने जानकारी दी कि गाँव में चकबंदी प्रक्रिया को औपचारिक रूप से प्रारंभ कर दिया गया है और धारा 4 का प्रकाशन किया जा चुका है। अधिकारियों ने बताया कि यदि सब कुछ सुचारू रूप से चला तो यह प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी। चकबंदी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अधिकारियों ने कहा कि इससे बिखरे हुए खेत एक स्थान पर आ जाते हैं, जिससे खेतों का आकार बड़ा हो जाता है। इससे फसल उत्पादन लागत में कमी आती है और मेड़ में बर्बाद होने वाली भूमि भी बचती है। चकबंदी के बाद खेतों का रकबा बढ़ने से आधुनिक खेती करना आसान हो जाएगा और देखभाल बेहतर तरीके से हो सकेगी। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और मुनाफा भी बढ़ेगा। जिला पंचायत सदस्य बसंत यादव ने इसकी सराहना की और कहा कि किसानों को सहुलियत मिलेगी। ग्राम प्रधान सतीश चंद्र सिंह यादव ने चकबंदी प्रक्रिया शुरू होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आजादी के बाद से गांव की चकबंदी न होने के कारण समुचित विकास संभव नहीं हो पाया था और शासन की योजनाओं का लाभ ग्रामीणों तक सही तरीके से नहीं पहुंच सका। उन्होंने कहा कि चकबंदी के बाद गाँव में विकास कार्यों को गति मिलेगी। इस अवसर पर ग्राम प्रधान के प्रयासों की ग्रामीणों ने सराहना की। बैठक में मनोज यादव, रामानंद यादव, परमहंस यादव, गौरीशंकर, पंकज, विनोद, मुन्ना, मंगरू, सोनू, सुशील सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे।