गाजीपुर। उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार के द्वारा सुल्तानपुर, अम्बेडकर नगर, अमेठी और अयोध्या
के अतिरिक्त आर्थिक रूप से कम विकसित जनपदों आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर को प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जोड़ने के लिये पूर्वाचल एक्सप्रेस वे का निर्माण कराया जा रहा है।
पूर्वाचल एक्सप्रेसवे लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (एन0एच0-731) पर स्थित ग्राम चॉदसराय, जनपद लखनऊ से प्रारम्भ होकर यूपी-बिहार सीमा से 18 किमी0 पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग सं0-31 पर जनपद लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपूर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ तथा गाजीपुर लाभान्वित होगे।
एक्सप्रेसवे के अन्तर्गत (मेन कैरिजवे पर) कुल 18 फ्लाईओवर, 07 रेवले ओवर ब्रिज, 07 दीर्घ सेतु, 118 लघु सेतु, 13 इटरचेन्ज (06 टोल प्लाजा सहित), 05 रैम्प प्लाजा, 271 अन्डरपास तथा 503 पुलियों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। एक्सप्रेसवे पर आपातकालीन स्थिति में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के लैण्डिग/टेक ऑफ के लिये जनपद सुल्तानपुर में 3.2 किमी0 लम्बी हवाईपट्टी का निर्माण भी प्रस्तावित है। इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत रू0 22494.66 करोड़ तथा सिविल निर्माण की अनुबन्ध्तिा लागत रू0 11216.10 करोड़ है। निर्माण हेतु पूर्वाचल एक्सप्रेसवे को कुल 08 पैकजो मे विभक्त किया गया है। जिन पर कार्य प्रगति पर है। इस परियोजना में क्लीयरिंग एण्ड ग्रबिंग का कार्य 100 प्रतिशत, मिट्टी का कार्य 90.92 प्रतिशत, सबग्रेड का कार्य 74.10 प्रतिशत, जी0 एस0बी का कार्य 72 प्रतिशत, डब्लू0एम0एम0 का कार्य 66.89 प्रतिशत, डी0बी0टी0 का कार्य 64.14 प्रतिशत, बी0सी0 का कार्य 34.19 प्रतिशत एवं संरचनाओ का कार्य 84 प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है। इस परियोजना की कुल भौतिक प्रगति लगभग 62 प्रतिशत पूर्ण हो चुकी है।
एक्सप्रेसवे के निर्माण से प्रदेश का पूर्वी क्षेत्र प्रदेश की राजधानी
एवं आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे व यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से देश की राजधानी से त्वरित एवं सुगम यातायात के कॉरिडोर से जुड़ जाएगा। इससे सम्पूर्ण प्रदेश का सर्वागीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। एक्सप्रेसवे के प्रवेश नियंत्रित होने से वाहनो के इंधन खपत में महत्तपूर्ण बचत एवं प्रदूषण नियंत्रण भी संभव हो सकेगा। इससे आच्छादित क्षेत्रों के सामाजिक एंव आर्थिक विकास के साथही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगो की आय को बढ़ावा मिलेगा तथा उत्पादन ईकाईयों, विकास केन्द्रों तथा कृषि उत्पादन
क्षेत्रों को प्रदेष की राजधानी एवं राष्ट्रीय से जोड़ने हेतु एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा। एक्सप्रेसवे के निकट इण्डस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण एंव प्रशिक्षण संस्थान,मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना हेतु भी अवसर सुलभ होगें। हैण्डलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों, भण्डारण ग्रह, मण्डी तथा दुग्ध आधारित उद्योगो की स्थापना हेतु एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा तथा इस परियोजना से आच्छादित क्षेत्रों में पर्यटन के विकास को बल मिलेगा एवं विकास से उपेक्षित प्रदेश के इन पूर्वी क्षेत्रों का सर्वागींण एवं चहुंमुखी विकास संभव हो
सकेगा।