बजट सकारात्मकता से परिपूर्ण-प्राचार्य डॉ.शरद कुमार

बजट सकारात्मकता से परिपूर्ण-प्राचार्य डॉ.शरद कुमार

जमानियां। स्टेशन बजार स्थित हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।सर्व प्रथम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शरद कुमार ने मां सरस्वती के तैल चित्र पर माल्यर्पण एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रमक का विधिवत उदघाटन किया गया।

संगोष्ठी का विषय प्रवर्तन करते हुए अर्थशास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. ओमप्रकाश लाल श्रीवास्तव ने विश्व में बजट के प्रारम्भ से लेकर समीक्ष्य बजट तक की विकास यात्रा को सदन में रखा।उन्होंने सरकार की तुलना बादल से की।उनका कहना था कि सरकार को बादल के समान होना चाहिए।जिस प्रकार बादल बरसते समय अमीर गरीब छोटे बड़े का भेद नहीं किया करते उसी प्रकार सरकार को कार्य करना चाहिए लेकिन आज ऐसा नहीं हो पा रहा है जो चिंता जनक है। बजट पर अपने विचार रखते हुए राजनीतिशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ.मदन गोपाल सिन्हा ने बजट निर्माण में प्रक्रियागत प्रणाली पर सूक्ष्म एवं महत्वपूर्ण सूचना उपलब्ध कराने वाला संभाषण प्रस्तुत किया।डॉ. सिन्हा ने सरकार से पुरानी पेंशन लागू करने की अपील की।बजट परिचर्चा में अपनी बात रखते हुए हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री ने बजट से सबके सुखमय जीवन की कामना करते हुए सरकार से जनता जनार्दन के हित में प्रतिवद्धता के साथ संवेदनशील हृदयी सरकार के रूप में सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के सिद्धांत पर मनसा वाचा कर्मणा कार्य करने की अपील की।अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ.राकेश कुमार सिंह ने भारत सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट की सराहना करते हुए शानदार बजट के लिए हार्दिक शुभकामनाएं संप्रेषित करते हुए प्राइवेटाइजेशन के कारणों पर विस्तार से चर्चा करते हुए संविधान द्वारा प्राप्त अधिकार के साथ कर्तव्य पर भी सदाशयता से चलने के लिए उपस्थित लोगों से अपील की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.शरद कुमार ने केंद्रीय बजट को सकारात्मक बताया।उनका मानना था कि बजट हमारी अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है जिसे सर्व स्वीकार्य बजट की संज्ञा दी जानी चाहिए।संगोष्ठी का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जितेन्द्र कुमार सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अरुंधति त्रिवेदी ने किया।इस अवसर पर डॉ. विमला देवी डॉ. शशिनाथ सिंह डॉ. संजय कुमार सिंह बिपिन कुमार सुनील कुमार चौधरी लालचंद पाल मनीष कुमार सिंह सहितआकांक्षा तिवारी ज्योति कुमारी तलत फात्मा सुप्रिया सिंह पूनम तिवारी राजदुलारी प्रजापति खुशी सिंह शाहीन मंशा कुमारी रोजी मोहित पांडेय सहित लगभग दो दर्जन शिक्षार्थियों ने अपने विचार रखे।