
गाजीपुर। जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। बैठक में जननी सुरक्षा योजना, ओपीडी संचालन, आवश्यक दवाओं की उपलब्धता और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की गई।
स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा और निर्देश
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी हेल्थ वेलनेस सेंटरों पर आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और ओपीडी नियमित रूप से संचालित हो। साथ ही, सीएचओ और एनएम की उपस्थिति अनिवार्य रूप से बनी रहे। उन्होंने सीएचसी और पीएचसी पर सीसीटीवी कैमरों को रिकॉर्डिंग मोड में रखने के निर्देश दिए।
जननी सुरक्षा योजना पर विशेष जोर
बैठक में जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि प्रसव के बाद महिलाओं को 48 घंटे तक अस्पताल में रोका जाए और उन्हें मुफ्त भोजन, दवा और ड्रॉप बैक सुविधा प्रदान की जाए।
अन्य महत्वपूर्ण निर्देश
- ई-कवच, जेएसवाई भुगतान, मातृत्व मृत्यु दर, परिवार कल्याण कार्यक्रम और टीकाकरण की समीक्षा की गई।
- अवैध रूप से संचालित निजी अस्पतालों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए।
- सीएचसी व पीएचसी पर फायर सर्विस की व्यवस्था और मरीजों के लिए बैठने व पेयजल की सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश।
- विशेष टीबी अभियान की प्रगति की समीक्षा की गई, जिसमें सीएचसी गोड़उर, भदौरा, मरदह, सादात, मनिहारी और बिरनो की खराब प्रगति पर नाराजगी जताते हुए एमओवाईसी से स्पष्टीकरण मांगा गया।
स्वास्थ्य सेवाओं में 100% क्रियान्वयन का निर्देश
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि शासन की सभी स्वास्थ्य योजनाओं का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन हो और कोई भी पात्र व्यक्ति इनसे वंचित न रहे। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि प्रतिदिन एमओवाईसी से वर्चुअल समीक्षा कर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य, मुख्य चिकित्साधिकारी सुनील पांडेय, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एनएचएम), समस्त एमओवाईसी और अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।