गाज़ीपुर। सरकारी कर्मचारियों द्वारा रिश्वतखोरी की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार द्वारा रिश्वतखोर कर्मचारियों व अधिकारियों पर शिकंजा कसने हेतु चलाया गया अभियान रंग दिखाने लगा है। सावन माह के पहले ही दिन सोमवार को सतर्कता अधिष्ठान वाराणसी की टीम ने जिले के शिक्षा विभाग के सहायक लेखाकार को घूस के रुपयों के साथ गिरफ्तार कर लिया। उसने परिचायक के पद पर कार्यरत कर्मचारी से उसके वेतन भुगतान के एवज में बारह हजार रुपए के घूस की मांग की थी। इस घटना से जिले के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
हुआ कुछ यूं कि शिक्षा क्षेत्र मनिहारी के प्राथमिक विद्यालय डिहवां लखमनपुर में तैनात प्रधानाध्यापिका की मृत्यु हो गयी थी। इसके बाद मृतक आश्रित कोटे के अन्तर्गत उनके पति सुरेश सिंह चौहान पुत्र स्व. श्रीराम चौहान निवासी ग्राम खतीबपुर, पोस्ट शादियाबाद, जनपद गाजीपुर की नियुक्ति गत 10 जनवरी 2024 को शिक्षा क्षेत्र मनिहारी के कम्पोजिट विद्यालय डिहवां लखमनपुर में परिचारक के पद पर हुई। सुरेश चौहान तब से कार्य कर रहा है लेकिन उसके वेतन का भुगतान नहीं हो रहा था इसके लिए वह विभागीय अधिकारियों के यहां चक्कर लगाता रहा। इसी बीच पता चला कि उसका मामला बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी के यहां लम्बित है इस पर उन्होंने लेखाकार अजमत अकरम से मिलकर अपने वेतन भुगतान हेतु गुहार लगाई। इस मामले को निपटाने के एवज में अजमत अकरम ने परिचायक से बारह हजार रुपये के रिश्वत की मांग की। पैसा लिए बिना उन्होंने काम करने से मना कर दिया। बगैर वेतन भुगतान के काम कर रहा सुरेश चौहान उनकी इस बात से दंग रह गया। बगैर घूस दिए वेतन भुगतान न होने की बात से क्षुब्ध सुरेश चौहान को तब प्रदेश सरकार के एण्टी करप्शन टीम की याद आयी। उसने इस आशय का आवेदन पुलिस अधीक्षक, सतर्कता अधिष्ठान, वाराणसी को दिया। एंटी करप्शन विभाग द्वारा जांच में उनकी शिकायत की पुष्टि हुई। इसके बाद एंटी करप्शन टीम वाराणसी टीम ने अपनी कार्रवाई आरम्भ की। एंटी करप्शन टीम ने सोमवार 22 जुलाई को आरोपी अजमत अकरम पुत्र जमशेद अकरम निवासी सैयदवाड़ा, थाना कोतवाली सदर जनपद गाजीपुर को बारह हजार रुपए की रिश्वत लेते समय रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार अजमत अकरम के विरूद्ध सतर्कता अधिष्ठान टीम द्वारा अभियोग पंजीकृत कराकर विधिक कार्रवाई की गयी।