अखिल भारतीय क्षत्रीय महासभा युवा द्वारा हर्षोल्लास से मनाई गई महाराणा प्रताप की जयंती

अखिल भारतीय क्षत्रीय महासभा युवा द्वारा हर्षोल्लास से मनाई गई महाराणा प्रताप की जयंती

जमानियां । स्थानीय रेलवे स्टेशन स्थित समाज सेवी रुद्रेश सिंह के आवास पर महाराणा प्रताप सिंह की जयंती बहुत ही धूम धाम के साथ मनायी गयी।
बता दे की  इस दौरान आयोजको द्वारा आते जाते लोगों को ठंडे शरबत का वितरण भी किया गया। वही अखिल भारतीय क्षत्रीय महासभा युवा के जिलाध्यक्ष एवं लोकप्रिय राजकुमार सिंह के अगुवाई में शान्ति वा सौहार्द के साथ अखिल भारतीय क्षत्रीय महासभा के सैकड़ों कार्यकर्ताओ के सहयोग से आते जाते राहगीरों को महाराणा प्रताप की जयंती के उपलक्ष में इस धूप में शरबत पिला कर कुछ राहत दिलाया गया । इस दौरान क्षत्रीय महासभा युवा के जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने विस्तार से बताया की महाराणा प्रताप सिंह राज्याभिषेक और् प्रताप और चेतक हल्दीघाटी का युद्ध शक्ति सिंह द्वारा प्रताप की रक्षा मानसिंह से भेंट। तथा प्रताप की प्रतिज्ञा कठोरजीवन यापन एवं अकबर द्वारा प्रशंसा इसके साथ पृथ्वीराज द्वारा राणा के स्वाभिमान की जागृति दुर्गों पर अधिकार राणा की मृत्यु वीरता के परिचायक का पुरा नाम  महाराणा प्रताप जन्म 9 मई, 1540 ई.जन्म भूमि कुम्भलगढ़, राजस्थान मृत्यु तिथि29 जनवरी, 1597 ई.पिता/माता पिता- महाराणा उदयसिंह, माता- रानी जीवत कँवर राज्य सीमा मेवाड़ शासन काल1568–1597 ई. शा. अवधि29 वर्ष धार्मिक मान्यता हिंदू धर्म युद्ध हल्दीघाटी का युद्ध राजधानी उदयपुर पूर्वाधिकारी महाराणा उदयसिंह उत्तराधिकारी राणा अमर सिंह राजघराना राजपूताना वंश सिसोदिया राजवंश। उन्होंने बताया की महाराणा प्रताप ने एक प्रतिष्ठित कुल के मान-सम्मान और उसकी उपाधि को प्राप्त किया था। परन्तु उनके पास न तो राजधानी थी। और न ही वित्तीय साधन। बार-बार की पराजयों ने उनके स्वबन्धुओं और जाति के लोगों को निरुत्साहित कर दिया था। फिर भी उनके पास अपना जातीय स्वाभिमान था। महाराणा प्रताप का जन्म- 9 मई, 1540 ई. कुम्भलगढ़, राजस्थान; मृत्यु- 29 जनवरी, 1597 ई.)[१] का नाम भारतीय इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रतिज्ञा के लिए अमर है। वे उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। वह तिथि धन्य है। जब मेवाड़ की शौर्य-भूमि पर ‘मेवाड़-मुकुट मणि’ राणा प्रताप का जन्म हुआ। वे अकेले ऐसे वीर थे, जिसने मुग़ल बादशाह अकबर की अधीनता किसी भी प्रकार स्वीकार नहीं की। वे हिन्दू कुल के गौरव को सुरक्षित रखने में सदा तल्लीन रहे। राजकुमार सिंह ने बताया की महाराणा प्रताप की जयंती विक्रमी सम्वत् कॅलण्डर के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। इसके साथ ही अखिल भारतीय क्षत्रीय महासभा युवा के जिलाध्यक्ष ने अपने हाथों से उपस्थित सभी पत्रकार बंधुओ को नारंगी गमछा से सर पर साफा बांधा। उक्त मौके पर अमरनाथ सिंह, विनय कुमार सिंह,धर्मेंद्र कुमार सिंह,अमित कुमार सिंह,अनिल सिंह, शिवम सिंह, अमित गुप्ता ,रुद्रेश सिंह ,शशि जायसवाल ,प्रेम सिंह, सचिन वर्मा, भानु सिंह, छोटू यादव ,राजीव सिंह,काव्या पांडेय,चंदन सिंह,संदीप पासवान,अमरेंद्र सिंह,के साथ दर्जन भर कार्यकर्ता और सहयोगि उपस्थित रहे।