भरत मिलाप का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु हुये भाव विभोर

भरत मिलाप का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु हुये भाव विभोर
जमानिया। क्षेत्र के करमहरी गांव स्थित सिद्धनाथ बाबा स्थान पर श्री राम कथा का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र के हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।
झांसी से आई कथावाचक अखिलेश्वरी ने रामकथा का वाचन करते हुए कहा कि श्री राम कथा से व्यक्ति को कर्तव्य, धर्म और प्रेम की सीख मिलती है। पिता की आज्ञा को कर्तव्य समझते हुए श्रीराम ने वनवास गृहण किया। माता सीता ने पत्नी धर्म निभाया, लक्ष्मण ने भाई धर्म निभाते हुए उनका साथ दिया। जबकि भाई के अगाध प्रेम को दर्शाया भरत ने।श्रीराम कथा को सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमडी रही। श्रीराम वनवास और भरत मिलाप की कथा सुनकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे। अयोध्या से आए पंडित राम जी रामायणी द्वारा प्रस्तुत राम-केवट संवाद एवं भरत मिलाप की प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। सीता, लक्ष्मण और मंत्री सुमंत के साथ भगवान श्रीराम ने वनों की ओर प्रस्थान किया। राम के वियोग में दशरथ ने प्राण त्याग दिए। गंगा पार करने के लिए श्री राम ने मल्लाह केवट से आग्रह किया। भरत अयोध्यावासियों के साथ श्री राम से मिलने वनों की और रवाना हो गए। श्रीराम-भरत मिलाप से अयोध्यावासी बिलख पड़े। कार्यक्रम के आयोजक पंडित सुखेन त्रिपाठी ने अभी आगन्तुओ का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर हजारो श्रद्धालु मौजूद रहे।