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गाजीपुर। स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर के सैन्य विज्ञान विभाग द्वारा शुक्रवार को “पूर्वोत्तर भारत का भौगोलिक एवं सामरिक महत्व” विषय पर एकल व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में कर्नल राजीव कुमार राय, डायरेक्टर, सिग्नल ट्रेनिंग, सेना भवन, नई दिल्ली उपस्थित रहे।
पूर्वोत्तर भारत का सामरिक महत्व
कर्नल राजीव कुमार राय ने अपने संबोधन में कहा कि पूर्वोत्तर भारत भौगोलिक, आर्थिक और सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यह क्षेत्र म्यांमार, बांग्लादेश, भूटान और चीन जैसी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से घिरा हुआ है, जिससे यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संवेदनशील बन जाता है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की भू-संरचना, पहाड़ी इलाकों और प्राकृतिक संसाधनों के कारण यह सैन्य रणनीति और देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने महाभारत काल में प्रागज्योतिषपुर और मणिपुर के उल्लेख का जिक्र करते हुए बताया कि इस क्षेत्र का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत अधिक है। इसके अलावा, ब्रह्मपुत्र नदी के माध्यम से व्यापार और परिवहन की संभावनाएं बढ़ रही हैं, जिससे यह क्षेत्र देश की आर्थिक और सामरिक मजबूती का केंद्र बन सकता है।
तकनीक और संचार की बढ़ती जरूरत
कर्नल राय ने कहा कि आधुनिक तकनीक और संचार नेटवर्क को मजबूत करना इस क्षेत्र के विकास और सुरक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंने युवाओं को इस क्षेत्र के सामरिक महत्व से अवगत कराने पर जोर दिया, ताकि वे भविष्य में देश की सुरक्षा और विकास में योगदान कर सकें।
महाविद्यालय प्राचार्य ने दी अपनी शुभकामनाएं
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि पूर्वोत्तर भारत न केवल प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, बल्कि इसकी सामरिक स्थिति इसे देश की सुरक्षा नीति में महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के शैक्षणिक व्याख्यान विद्यार्थियों को ज्ञान और नई दृष्टि प्रदान करने में सहायक होते हैं।
छात्रों को मिली नई दृष्टि
संगोष्ठी का आयोजन रक्षा अध्ययन विभाग के अध्यक्ष डॉ. बद्रीनाथ सिंह द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि कर्नल राय जैसे अनुभवी सैन्य अधिकारी से प्रत्यक्ष संवाद का अवसर मिलना छात्रों के लिए बेहद लाभकारी रहा। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अखिलेश सिंह ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. (डॉ.) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने की तथा संचालन डॉ. बद्रीनाथ सिंह ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।