
गाजीपुर। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति ने आज वाराणसी के सर्किट हाउस सभागार में गाजीपुर जनपद में आपदा प्रबंधन की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। समिति के माननीय सभापति श्री अवनीश कुमार सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें समिति के सदस्य श्री अंगद कुमार सिंह और पद्म सेन चौधरी भी उपस्थित रहे। समिति के साथ संजय कुमार (समिति अधिकारी), विवेक सिंह (समीक्षा अधिकारी), बृजेश (प्रतिवेदक अधिकारी) और अभिनय (अपर निजी सचिव) भी मौजूद थे।
वाराणसी पहुंचने पर समिति के माननीय अध्यक्ष का स्वागत जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने पुष्पगुच्छ से किया। वहीं, पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा और अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) दिनेश कुमार ने समिति के सदस्यों को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र और पौध स्वरूप स्मृति चिन्ह भेंटकर अभिनंदन किया। बैठक के दौरान जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने समिति को शासन स्तर से अधिसूचित आपदाओं में अब तक पीड़ितों को दी गई क्षतिपूर्ति के बारे में विस्तृत जानकारी दी। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) दिनेश कुमार ने जनपद में घटित विभिन्न आपदाओं का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। माननीय सभापति श्री अवनीश कुमार सिंह ने अधिकारियों को आपदा पीड़ितों की सहायता के लिए संवेदनशील रहने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने जिला स्तर पर एक ऐसी प्रभावी कार्य योजना तैयार करने पर जोर दिया, जिससे किसी भी आपदा से कुशलतापूर्वक निपटा जा सके। उन्होंने अधिकारियों से पीड़ितों के प्रति सहानुभूति रखते हुए मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप उन्हें नियमानुसार सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित कराने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि आपदाओं से अक्सर गरीब लोग ही सर्वाधिक प्रभावित होते हैं। सर्पदंश से होने वाली मौतों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए माननीय सभापति ने इसे रोकने के लिए विशेष कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी सरकारी अस्पतालों में एंटी स्नेक वेनम की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। सर्पदंश से मृत्यु की स्थिति में अनिवार्य रूप से पोस्टमार्टम कराने और पीड़ितों को तत्काल आपदा राहत मुआवजा प्रदान करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, सर्पदंश से बचाव और उसके उपचार के बारे में व्यापक जागरूकता अभियान चलाने के भी निर्देश दिए गए। समिति ने यह भी निर्देशित किया कि तहसील, विकास खंड, नगर पालिका, नगर पंचायत और सीएचसी/पीएचसी केंद्रों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर सर्पदंश से बचाव और उपचार संबंधी जानकारी प्रदर्शित की जाए, ताकि आम जनता जागरूक हो सके। नदी और तालाब में डूबने से होने वाली मौतों को रोकने के लिए खतरनाक स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाने का सुझाव भी समिति द्वारा दिया गया। माननीय सभापति ने सरकारी कल्याणकारी योजनाओं को जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के माध्यम से आम जनता तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने जनपद में आपदा प्रबंधन हेतु स्थापित कंट्रोल रूम के बारे में जानकारी प्राप्त की और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कंट्रोल रूम का नंबर हमेशा सक्रिय रहे। इसके पश्चात, समिति ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक की और तहसीलवार आकाशीय बिजली, डूबने आदि से प्रभावित लोगों की सूचना मांगी। अधिशासी अधिकारी से आरओ प्लांट, जल भराव की स्थिति, स्थाई और अस्थाई रैन बसेरों की व्यवस्था, कंबल वितरण और शीत ऋतु में विभिन्न स्थानों पर जलाए गए अलाव के बारे में जानकारी ली गई। वन विभाग से संरक्षित और रोपित पौधों की स्थिति की भी जानकारी प्राप्त की गई। जिला पूर्ति अधिकारी से अन्नपूर्णा मॉडल शॉप के संचालन के बारे में पूछताछ की गई। माननीय सभापति जी ने कहा कि आपदा राहत के प्रति माननीय मुख्यमंत्री जी अत्यंत संवेदनशील हैं। इसलिए, दैवीय आपदाओं से बचाव और राहत कार्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप आपदा से प्रभावित लोगों को त्वरित गति से राहत पहुंचाई जाए। जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उनके द्वारा दिए गए निर्देशों पर कार्य योजना बनाकर तत्परता से कार्य करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी सुनील पाण्डेय, जिला विद्यालय निरीक्षक भाष्कर मिश्रा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमन्त राव, जिला सूचना अधिकारी राकेश कुमार, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी, आपदा विशेषज्ञ अशोक राय, डीएसओ अनन्त प्रताप सिंह एवं अन्य संबंधित जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।