जमानिया।राधा-माधव ट्रस्ट सब्बलपुर में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा महोत्सव में भागवताचार्य चंद्रेश महाराज ने कहा कि मनुष्य जैसा विश्वास करता है, वैसा ही वह बन जाता है। यदि बुराई के खिलाफ लड़ने और अच्छाई पर चलने का संकल्प कर ले तो वह वैसा करने में सफल हो ही जाता है।
कंस जैसे अत्याचारी के खिलाफ खड़ा होने की कौन कहे बोलने में जहां लोग घबराते और कतराते थे ,वहीं पर जब एक कम उम्र परन्तु दृढ़ संकल्प का धनी बालक श्रीकृष्ण ने बड़े बड़े पहलवानों एवं मदमस्त हाथी को छकाते हुए कंस की गर्दन मरोड़ मथुरा में धर्म की स्थापना करने में कामयाबी हासिल किया।
महाराज जी ने आगे कहा कि गलती करना कोई बुरी बात नहीं,एक गलती को बार-बार करना बुरी बात है। कोई भी गलती आप दो बार नहीं कर सकते, अगर आप गलती दोहराते हैं तो फिर गलती नहीं आपकी इच्छा है।
उपलब्धि और आलोचना दोनों बहिन हैं। उपलब्धियां बढ़ेंगी तो निश्चित ही आपकी आलोचना भी बढ़ेगी।लोग निंदा करते हैं या प्रशंसा ये महत्त्वपूर्ण नहीं है, महत्वपूर्ण यह है कि जिम्मेदारियां ईमानदारी से पूरी की गई हैं या नहीं।महापुराण महोत्सव में राजकुमार राय वीरेंद्र राय हरवंश राजभर परशुराम यादव दीनदयाल कपिलदेव शर्मा धर्मराज विनोद चन्द्रभूषण राय सहित अन्य श्रोता मौजूद रहे।