गाजीपुर । देश व्यापी आह्वान के तहत भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मूर्मू के नाम तीन सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष कामरेड सरजू पाण्डेय पार्क में एक दिवसीय धरना एवं सभा के माध्यम से नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपने का काम किया।
वही सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा माले जिला सचिव कामरेड शशीकांत कुशवाहा ने कहा कि दिल्ली के इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन के पास स्थित मस्जिद में 8 मार्च को जुमे की नमाज के लिए कुछ नमाजियों को जब मस्जिद के अंदर जगह नहीं मिली, तो वे बाहर सड़क पर दरी बिछाकर नमाज पढ़ने लगे। इसपर दिल्ली पुलिस ने नमाज पढ़ते नमाजियों को किक किया, उन्हें लात मारी और भगाने की कार्रवाई की। पुलिस का यह कार्य अपमानजनक, शर्मनाक, नफरती व हिंसक कृत्य है, जिससे देश का सिर नीचे झुक गया है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में मजदूर परिवार की दो बहनों के साथ पहले गैंगरेप हुआ, दोनों ने गत 28 फरवरी 2024 को फांसी लगा कर जान दे दी या उन्हें मार कर पेंड़ पर टांग दिया गया, फिर पिता ने भी आत्महत्या कर ली। हमीरपुर जिले का यह परिवार आजीविका की तलाश में कानपुर के घाटमपुर में आकर ईंट-भट्ठा पर मजदूरी करता था। परिवार की दो फुफेरी बहनों (16 व 14 वर्ष) के साथ भट्ठा संचालक के परिवार के दो व्यक्तियों ने गैंगरेप कर फिल्म बनाई और ब्लैकमेल करने लगे। दोनों बहनों की मौत के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। भट्ठा ठेकेदार ने लड़की के पिता पर समझौते के लिए दबाव बनाना, धमकाना शुरू किया। अन्ततः लड़की के पिता ने भी हमीरपुर में 6 मार्च 2024 को आत्महत्या कर ली।
इस तरह एक मजदूर परिवार तबाह हो गया। यह उत्तर प्रदेश सरकार की बड़ी विफलता है। राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त होने की कगार पर है। सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद स्टेट बैंक ने दी हुई तारीख तक इलेक्टोरल बांड का विवरण चुनाव आयोग को नहीं दिया। इससे इस अंदेशे को बल मिलता है कि भाजपा के फायदे के लिए सरकार के इशारे पर स्टेट बैंक चुनावी चंदा देने वालों की जानकारी लोकसभा चुनाव से पहले देशवासियों को नहीं देना चाहता है। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश, पारदर्शिता व जनता के सूचना के अधिकार का उल्लंघन है।
श्री कुशवाहा ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में आहूत विशाल किसान महापंचायत में जिले से सैकड़ों किसान भाग लेंगे। सभा को प्रमुख रूप से योगेन्द्र भारती, मोती प्रधान, राजेश बनवासी, सतेन्द्र प्रजापति, शकून्तला देवी, आदि लोगों ने सम्बोधित किया। सभा की अध्यक्षता व संचालन योगेन्द्र भारती ने किया।