
गाजीपुर। करंडा क्षेत्र की सड़कें इन दिनों हादसों का केंद्र बनती जा रही हैं। बुधवार सुबह लगभग साढ़े आठ बजे चोचकपुर-धरम्मरपुर मार्ग पर लीलापुर नहर के पास एक तेज रफ्तार और ओवरलोड डंफर ने एक युवक को बेरहमी से कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
इस हृदयविदारक घटना के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। खून से लथपथ शव देखकर आक्रोशित भीड़ ने पीछे से आ रहे एक अन्य ट्रक को रोक लिया और उसे आग के हवाले कर दिया। लोगों का यह आक्रोश क्षेत्र में ओवरलोड वाहनों के कारण लगातार हो रहे हादसों के प्रति लंबे समय से व्याप्त नाराजगी का परिणाम था।
यह कोई पहली बार नहीं है जब करंडा की सड़कों पर इस तरह की दुखद घटना हुई है। हालांकि, प्रशासन के लिए शायद यह अब भी ‘महज एक हादसा’ ही बना हुआ है। मौके पर पहुंचे सदर एसडीएम मनोज पाठक से जब मीडियाकर्मियों ने ओवरलोड ‘कातिल डंफरों’ के चलने पर सवाल किया, तो उनका जवाब हमेशा की तरह घिसा-पिटा था – “जांच कराई जाएगी, कार्रवाई होगी…”
अब सवाल यह नहीं है कि कार्रवाई होगी या नहीं, बल्कि यह है कि आखिर कब तक यह सिलसिला जारी रहेगा? कब तक हर हफ्ते किसी मां का बेटा इन ओवरलोड वाहनों का शिकार होता रहेगा? कब तक प्रशासन आंखें मूंदकर बैठा रहेगा और बालू माफिया बेलगाम होकर सड़कों पर मौत बनकर दौड़ते रहेंगे? जनता के सब्र का बांध अब टूट चुका है और यह घटना सिस्टम की नाकामी से हुई एक ‘हत्या’ से कम नहीं है। मृतक युवक की पहचान लीलापुर गांव निवासी 20 वर्षीय लक्की निषाद के रूप में हुई है। पुलिस ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर ली है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
फिलहाल, करंडा की सड़कों पर धुएं का गुबार उठ रहा है। इस धुएं में एक मासूम की लाश की चीत्कार और लापरवाह तंत्र की खामोशी शामिल है, जो शायद किसी और बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।