राष्ट्रकवि ही नहीं बल्कि सच्चे समाज सुधारक

राष्ट्रकवि ही नहीं बल्कि सच्चे समाज सुधारक

कन्दवा चन्दौली। रामधारी सिंह दिनकर केवल राष्ट्रकवि ही नहीं बल्कि सच्चे समाज सुधारक भी थे। उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से समाज को उस वक्त नई दिशा दिया जब देश आजादी के आंदोलन से जूझ रहा था। तब उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से लोगों में जोश का संचार किया। उनकी कविताओं में आग और अनुराग दोनों का समावेश था। उक्त बातें सामाजिक संस्था रामधारी सिंह दिनकर सेवा समिति के सचिव मृत्युन्जय सिंह दीपू ने बुधवार की शाम रामधारी सिंह दिनकर सेवा समिति द्वारा मचवा गांव में रामधारी सिंह दिनकर के जयंती पर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा ।
उन्होंने युवाओं से उनके बताए रास्ते पर चलने का आह्वान करते हुए कहा कि दिनकर जी ने हिंदी साहित्य को पूरे संसार में प्रतिष्ठित करने का कार्य किया। कहा कि दिनकर जी का पूरा साहित्य खेत खलिहान और गांव गरीब से निकला है। विशिष्ट अतिथि मनीष सिंह ने कहा कि दिनकर जी की रचनाओं से निकली गूंज आने वाली पीढ़ियों को जगाने का सामर्थ्य रखती हैं। इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि ने रामधारी सिंह दिनकर के तैल चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया। आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए संस्था के कोषाध्यक्ष धीरेंद्र सिंह गुड्डू ने कहा कि दिनकर जी के नाम से जुड़े रहने के चलते पूरे देश मे कहीं भी जाने पर काफी सम्मान मिलता है। उदय नारायण सिंह, अरविंद पांडेय, राजेश सिंह, अरविंद सिंह, बृजेश बारी आदि लोग मौजूद रहे।