जमानियां। कोतवाली क्षेत्र के देवढी गांव निवासी समाज सेवी श्रीप्रकाश उर्फ मुन्ना दादा के हत्यारों की गिरफ्तारी का खुलासा गुरूवार को पुलिस अधीक्षक ने प्रेस कान्फ्रेस के द्वारा किया।
12 अक्टूबर 2018 की शाम करीब दो माह पूर्व अज्ञात हमलावरों द्वारा गड़ही गांव स्थित लावा छावा माईनर के पास से निकली सड़क पर 48 वर्षीय श्रीप्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना दादा को गोली मार कर हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था। इस मामले का पुलिस ने पर्दा फाश करते हुए अभियुक्त शंकर उर्फ अजय को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। पुलिस अधीक्षक ने समाज सेवी मुन्ना दादा हत्या का खुलासा करते हुए बताया कि इस हत्या कांड में अभियुक्त गण प्रमोद सिंह, शंकर उर्फ अजय, बुलेट, टप्पू चौबे और शेखर के नाम प्रकाश में आए हैं। मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस ने अभियुक्त शंकर उर्फ अजय उर्फ कालू गोस्वामी को रेलवे स्टेशन स्थित पटखौलियां मोहल्ला से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्त की निशान देही पर हत्या में प्रयुक्त एक अदद, तमंचा और कारतूस बरामद किया गया है। गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछ-ताछ में बताया कि श्रीप्रकाश सिंह की हत्या के लिए प्रमोद सिंह ने हम तीनों को ₹120000 की सुपारी दी थी। प्रमोद सिंह ने यह हत्या गांव की पार्टीबंदी तथा पुरानी रंजिश में अपने पिता के साथ हुई मार-पीट का बदला लेने की नियत से कराई है। मृतक श्रीप्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना दादा को गोली मारने के बाद हम तीनों ने शव को नहर में डाल कर उसकी मोटर साइकिल से दबा दिया था ताकि शव ऊपर न आ सके। घटना के समय तक प्रमोद भी हमारे पास ही था। पुलिस इस वारदात में प्रकाश में आए बाकी चार अभियुक्तों की तलाश में जुटि हुई है।
दो सप्ताह के भीतर पुलिस ने किया खुलासा
विवेचना कर रहे विवेचक क्राइम ब्रांच प्रभारी अखिलेश त्रिपाठी ने अनिश्चित कालीन धरना के दौरान दो सप्ताह की मोहलत मांगी थी कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी और पुलिस अभियुक्तों के बहुत करीब है। जिस पर दादा के पुत्र अखिलेश सिंह और वीर बहादुर सिंह ने उनकी बात मानते हुए मोहलत दी थी। जिसका परिणाम रहा कि पुलिस ने हत्या की गुत्थी सुलझा ली और घटना में शामिल मुख्य आरोपी काे गिरफ्तार कर लिया।