Skip to content
Ghazipur News

Ghazipur News

Primary Menu
  • खबर ⁄ समाचार
    • अपराध
    • घटना / दुर्घटना
    • धरना प्रदर्शन
    • समस्या
    • कार्यक्रम / बैठक / गोष्‍ठी ⁄ शिविर
    • साहित्य एवं कला
    • खेत खलिहान
    • सूचना
  • खेल–कूद
  • स्वास्थ्य
    • कोरोना
  • राजनीति
  • धर्म ⁄ ज्योतिष
  • वीडियो
  • हमारे बारे में
    • गोपनीयता नीति
    • संपर्क करें
  • कार्यक्रम / बैठक / गोष्‍ठी ⁄ शिविर

रेडियो: संवेदनशीलता, स्वस्थ मनोरंजन और प्रामाणिक सूचना का अद्वितीय माध्यम

विशेष संवाददाता 13-02-2025

शेयर करें:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window) Facebook
  • Click to share on X (Opens in new window) X
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window) LinkedIn
  • Click to share on Telegram (Opens in new window) Telegram
  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window) WhatsApp
4177

जमानिया। डिजिटल युग में जहां मनोरंजन के अनेक साधन उपलब्ध हो गए हैं, वहीं रेडियो की प्रासंगिकता और प्रभाव अब भी अद्वितीय बनी हुई है। रेडियो के प्रति इस गहरी संवेदनशीलता और लगाव का सजीव उदाहरण जमानियां स्टेशन बाजार निवासी श्री सुरेश जायसवाल हैं, जो पिछले 47 वर्षों से रेडियो के नियमित श्रोता हैं।

आकाशवाणी वाराणसी के ‘हेलो फरमाइश’ कार्यक्रम को ध्यानपूर्वक सुन रहे सुरेश जायसवाल के जनरल स्टोर के सामने से गुजरते हुए प्रो. अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री (आचार्य एवं अध्यक्ष, हिंदी विभाग) ने रेडियो की मधुर ध्वनि सुनी और वहीं ठहरकर उनसे वार्ता की। उस समय विविध भारती के इस कार्यक्रम में फिल्म अनोखी रात का गीत “मेरे बेरी का बेर मत तोड़ो कि कांटा चुभ जाएगा” बज रहा था, जिसने माहौल को संगीतमय बना दिया।

रेडियो का ऐतिहासिक महत्व

रेडियो का इतिहास अत्यंत रोचक रहा है। 1900 में जगदीश चंद्र बसु और गुल्येलेलमी मार्कोनी ने बेतार संदेश भेजने की शुरुआत की, जबकि 24 दिसंबर 1906 को कनाडाई वैज्ञानिक रेगिनॉल्ड फेसंडेन ने पहली बार रेडियो प्रसारण किया। भारत में 1936 में इंपिरियल रेडियो ऑफ इंडिया की स्थापना हुई, जो स्वतंत्रता के बाद ऑल इंडिया रेडियो (आकाशवाणी) के रूप में विकसित हुआ।

रेडियो से श्री सुरेश जायसवाल का सफर

सुरेश जायसवाल ने 1978 में हाई स्कूल के छात्र रहते हुए आकाशवाणी वाराणसी से जुड़ाव स्थापित किया और आज भी उसी उत्साह से रेडियो सुनते हैं। उन्होंने पंचदेव पांडेय, राधेश्याम श्रीवास्तव, गया प्रसाद शास्त्री, वीणा कालिया, मोहम्मद सलीम राही, शर्वेश दुबे, पुष्पा मिश्रा, किशोर कुमार, पांडुरंग पौराणिक जैसे ख्यात उद्घोषकों को सुनने का अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि उन्हें आकाशवाणी वाराणसी के स्टूडियो में कई कार्यक्रमों में भाग लेने का भी अवसर मिला, जिसके लिए उन्हें यात्रा भत्ते के रूप में ₹25 भी प्राप्त हुए।

रेडियो के प्रति घटती रुचि पर चिंता

श्री जायसवाल ने यह चिंता व्यक्त की कि नई पीढ़ी में रेडियो सुनने की प्रवृत्ति घट रही है। उनके अनुसार, रेडियो न केवल सुलभ और किफायती मनोरंजन का माध्यम है, बल्कि यह मानवता, संस्कार और ज्ञानवर्धन का भी स्रोत है। बदलते समय ने लोगों को इंटरनेट से तो जोड़ा, लेकिन संवेदनशीलता और मानवीय मूल्यों का तेजी से ह्रास हुआ।

रेडियो बनाम डिजिटल युग

हिंदी विभाग के सहायक आचार्य एवं मीडिया प्रभारी डॉ. अभिषेक तिवारी का मानना है कि रेडियो की भाषा, उच्चारण और संवेदनशीलता उसे अन्य माध्यमों से अलग बनाती है। आज डिजिटल युग में कंटेंट अश्लील और भद्दा होता जा रहा है, जबकि रेडियो के ज़माने में लोग इसी माध्यम से शुद्ध हिंदी, सुसंस्कृत व्यवहार और उच्चारण सीखते थे।

रेडियो के कालजयी कार्यक्रम

आकाशवाणी वाराणसी की शानदार प्रस्तुतियों में ‘गीतों भरी कहानी’, ‘मेरी पसंद’, ‘श्रोताओं से आमने-सामने’, ‘बाल संघ’, ‘युगवाणी’, ‘अंगनइयां’, ‘मंजुषा’, ‘आराधना’, ‘मानस गान’, ‘स्वास्थ्य चर्चा’ जैसे कार्यक्रम बेहद लोकप्रिय और ज्ञानवर्धक रहे हैं। सुरेश जायसवाल अभी भी वाराणसी, गोरखपुर, पटना, नजीबाबाद, अल्मोड़ा, देहरादून, सासाराम, अंबिकापुर, बिलासपुर, इंदौर और सूरतगढ़ जैसे आकाशवाणी केंद्रों से नियमित रूप से जुड़े हुए हैं।

रेडियो का भविष्य

हालांकि आधुनिक तकनीक के आगमन ने रेडियो की लोकप्रियता को कुछ हद तक प्रभावित किया है, लेकिन उसकी विश्वसनीयता, सादगी और मनोरंजन के गुण आज भी उसे एक विशिष्ट स्थान प्रदान करते हैं। डिजिटल क्रांति के बावजूद, रेडियो अपने संतुलित, संवेदनशील और सशक्त प्रसारण के लिए सदैव लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाए रखेगा।

Continue Reading

Previous: विश्व रेडियो दिवस 2025: जलवायु परिवर्तन पर जन-जागरूकता का सशक्त माध्यम
Next: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

संबंधित खबरें

WhatsApp Image 2025-06-06 at 4.13.14 PM
  • कार्यक्रम / बैठक / गोष्‍ठी ⁄ शिविर

राष्ट्रीय वयोश्री योजना के अंतर्गत 500 वरिष्ठ नागरिकों को वितरित किए गए सहायक उपकरण

विशेष संवाददाता 06-06-2025
PHOTO--3 (3)
  • कार्यक्रम / बैठक / गोष्‍ठी ⁄ शिविर

जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद की बैठक सम्पन्न, अवैध दोहन पर सख्ती के निर्देश

विशेष संवाददाता 06-06-2025
PHOTO--1 (4)
  • कार्यक्रम / बैठक / गोष्‍ठी ⁄ शिविर

राष्ट्रीय वयोश्री योजना के अंतर्गत 500 वरिष्ठ नागरिकों को वितरित किए गए सहायक उपकरण

विशेष संवाददाता 06-06-2025

शायद आपने नहीं देखा

WhatsApp Image 2025-06-06 at 4.13.14 PM
  • कार्यक्रम / बैठक / गोष्‍ठी ⁄ शिविर

राष्ट्रीय वयोश्री योजना के अंतर्गत 500 वरिष्ठ नागरिकों को वितरित किए गए सहायक उपकरण

विशेष संवाददाता 06-06-2025
PHOTO--3 (3)
  • कार्यक्रम / बैठक / गोष्‍ठी ⁄ शिविर

जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद की बैठक सम्पन्न, अवैध दोहन पर सख्ती के निर्देश

विशेष संवाददाता 06-06-2025
PHOTO--4 (3)
  • खबर ⁄ समाचार

ईद-उल-जुहा को लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग का विशेष अभियान, 06 नमूनें संग्रहित

विशेष संवाददाता 06-06-2025
khabarlogo
  • सूचना

मनिया गांव में प्रॉपर्टी विवाद में युवक की मौत, एसडीएम सेवराई ने दी जानकारी

विशेष संवाददाता 06-06-2025
Copyright © All rights reserved. | MoreNews by AF themes.