शेक्सपियर में थी उच्च कोटि की सृजनात्मक प्रतिभा-रविन्द्र नाथ यादव

शेक्सपियर में थी उच्च कोटि की सृजनात्मक प्रतिभा-रविन्द्र नाथ यादव

जमानियां। स्टेशन बाजार स्थित हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के उपप्रबन्धक रविन्द्र नाथ यादव थे।उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि शेक्सपियर में अत्यंत उच्च कोटि की सृजनात्मक प्रतिभा थी और साथ ही उन्हें कला के नियमों का सहज ज्ञान भी था।प्रकृति से उन्हें मानों वरदान मिला था अतः उन्होंने जो कुछ छू दिया वह सोना हो गया।उनकी रचनाएं न केवल अंग्रेज जाति के लिए गौरव की वस्तु हैं वरन विश्व वांगमय की भी अमर विभूति हैं।शेक्सपियर की कल्पना जितनी प्रखर थी उतनी ही गंभीर उनके नाटक का अनुभव भी था।अतः जहां एक ओर उनके नाटकों तथा उनकी कविताओं से आनंद की उपलब्धि होती है वहीं दूसरी ओर उनकी रचनाओं से हमको गंभीर जीवन दर्शन भी प्राप्त होता है। विश्व साहित्य के इतिहास में शेक्सपियर के समकक्ष रखे जाने वाले कवि विरले ही मिलते हैं।आधुनिक परिप्रेक्ष्य में शेक्सपियर की प्रासंगिकता विषयक आयोजित संगोष्ठी का विषय प्रवर्तन अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार सिंह ने किया।उन्होंने कहा कि शेक्सपियर का साहित्य सार्व भौमिक है।इसलिए इसकी प्रासंगिकता कभी खत्म नहीं हो सकती।विभिन्न शोधों से यह तथ्य आज भी उजागर हो रहे हैं कि उनके साहित्य के अनुशीलन से नए नए भाव वह विचार प्रकट हो रहे हैं जिससे मानव जीवन को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ.शरद कुमार ने किया।डॉ.कुमार ने महान कवि शेक्सपियर को अध्यात्मवादी नैतिक मूल्यों से ओतप्रोत विशुद्ध मानवतावादी साहित्यकार बताया।उन्होंने कहा कि साहित्य की जो समझ इस महाकवि को थी वैसी प्रतिभा विरले कवियों को प्रकृति देती है।
संगोष्ठी का सफल संचालन शिक्षाथिनी इरा सिंह ने किया। इस संगोष्ठी में कुल 45 शोध पत्रों का वाचन किया गया।कार्यक्रम में संस्कृत विभाग की अध्यक्ष डॉ.विमला देवी हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ अरुण कुमार इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.संजय कुमार सिंह, हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर लाल चंद पाल, बिपिन कुमार पुस्तकालयाध्यक्ष, मनीष कुमार सिंह, डॉ मातेश्वरी प्रसाद सिंह, डॉ जितेंद्र कुमार सिंह आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के कुशल संयोजन में छात्र लवकुश तिवारी, आकांक्षा तिवारी, राजदुलारी प्रजापति, पल्लवी सिंह, शानू तिवारी, रूपा तिवारी, ज्योति सिंह, अनिकेत गुप्ता, तलत फातमा रंजन, अलका सिंह प्रिंसी जायसवाल एवं खुशी सिंह की भूमिका सराहनीय थी।