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गाजीपुर। शैक्षिक वर्ष 2024-25 के तहत पिछड़ी जाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में भरे गए छात्रवृत्ति डाटा की स्क्रूटनी के बाद विभिन्न विसंगतियों के चलते 45,693 छात्रों का डाटा संदिग्ध (सस्पेक्ट) पाया गया है। एनआईसी लखनऊ द्वारा इन सस्पेक्टेड डाटा को विद्यालयों एवं छात्रों के लॉगिन पर उपलब्ध कराया गया है।
ये हैं सस्पेक्ट डाटा के कारण
संदिग्ध पाए गए डाटा में कई प्रकार की त्रुटियां पाई गई हैं, जिनमें प्रमुख रूप से—
अंक पत्रों में विसंगति (मार्क्स नॉट मैच)
- इनरोलमेंट/रोल नंबर का विश्वविद्यालय डाटा से मेल न खाना
- डुप्लीकेट इनकम/जाति प्रमाण पत्र
- निजी संस्थानों में प्रवेश के लिए न्यूनतम 60% अंक की अनिवार्यता पूरी न होना
- आय/जाति प्रमाण पत्र की असमानता
- संदिग्ध आयु आदि शामिल हैं।
विद्यालयों को प्रमाणित अभिलेख जमा करने के निर्देश
जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी ने जनपद के समस्त दशमोत्तर विद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे संबंधित छात्रों के प्रमाणित अभिलेखों को तत्काल कार्यालय में जमा करें। प्रमाण पत्रों के सत्यापन के बाद छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति द्वारा सस्पेक्ट डाटा को नियमानुसार वेरीफाई या रिजेक्ट कर डिजिटली लॉक किया जाएगा।
अन्यथा छात्रवृत्ति से वंचित होंगे छात्र
यदि विद्यालय निर्धारित समय में अभिलेख जमा नहीं करते हैं, तो संबंधित छात्रों की छात्रवृत्ति को अपात्र मानते हुए रिजेक्ट कर दिया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित शिक्षण संस्थान की होगी। विद्यालयों और छात्रों से अनुरोध किया गया है कि वे जल्द से जल्द आवश्यक दस्तावेज जमा कर छात्रवृत्ति प्रक्रिया को पूर्ण कराने में सहयोग करें।