सड़क का अस्तित्व खतरे में

सड़क का अस्तित्व खतरे में

जमानियां। बड़ेसर नहर पुलिया से मुख्य नहर को जोड़ने वाली लाखो की लागत से बनी सड़क अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से कुलाबे के कटान की भेंट चढ़ रही है।

ज्ञात हो कि पुर्ववर्ती सरकार के मंत्री ओम प्रकाश सिंह से किसानों ने कई बार इस सड़क को बनवाने का दबाव दिया था। किसानों के हित व विकास को ध्यान में रखते हुये प्राथमिकता के आधार पर इस सड़क बनवाया गया था।

ताकि गांव गरीब किसानों को एक बढ़िया रास्ता मिल जाय व किसानों व गरीबो को उसके खेत तक ट्रैक्टर व उसकी गाड़ी पहुँच सके। यह सड़क बनने से जहा एक तरफ खेतो के दाम बढ़े तो वही दूसरी तरफ इस पर आबादी भी बढ़ती चली गयी।

यही नही इसी रोड पर एक नया विद्यालय भी बना। परन्तु कोरोना महामारी की वजह से विद्यालय का संचालन नहीं हो सका, परन्तु जब विद्यालय खुलेगा तो उस कुलाबे की कटान की वजह से खतरा और बढ़ जायेगा और लोगो को और भी परेशानी उठानी पड़ेगी।

कुलाबे के कटान की वजह से वर्तमान समय में आधे से अधिक सड़क कटान की भेंट चढ़ चुका है और यदि सिचाई विभाग के अधिकारी व कर्मचारी इस पर ध्यान नही दिए तो आने वाले समय मे इस सड़क का अस्तित्व भी खतरे में पड़ सकता है।

इस बाबत बंटी सिंह, इंद्रपाल सिंह, राकेश, जुमराती, बाचा, अनिल धनन्जय आदि का कहना है कि यदि विभाग ने अब भी नही चेता तो यह सड़क कुलाबे की कटान की वजह से अस्तित्व विहीन हो सकता है और इस सड़क पर बने विद्यालय को खुल जाने से सबसे अधिक खतरा छोटे छोटे बच्चों को उठानी पड़ सकती है।

जो बहुत बड़ी घटना साबित हो सकती है। यही नही कई बार तो लोग उसमें गिर कर घायल भी हो चुके है। लोगो ने मांग किया है कि विभाग इसे तत्काल सज्ञान ले अन्यथा इस सड़क पर बहुत बड़ा खतरा व सड़क अस्तित्व विहीन हो सकती है।

इस बाबत पूछे जाने पर सिचाई विभाग के एसडीओ सुबोध कुमार ने बताया कि इसको अभी सुरक्षा की दृष्टि से देखवा लिया जाता है कि अभी उसमें क्या हो सकता है।

वैसे अभी नहर चल रही है जैसे ही नहर चलना बन्द हो जायेगा तो उसको सही करा दिया जायेगा। जिससे कि सड़क का अस्तित्व भी बना रहे व लोगो को किसी प्रकार का खतरा न हो सके।