विद्युत विभाग के विरोध में उपभोक्ताओं ने की नारेबाजी

विद्युत विभाग के विरोध में उपभोक्ताओं ने की नारेबाजी

जमानिया। स्थानीय तहसील में रविवार को बड़ी संख्या में विद्‍युत उपभोक्ता उपजिलाधिकारी कार्यालय विद्‍युत विभाग के साथ होने वाली बैठक के लिए पहुंचे। जहां विद्‍युत कर्मियों को न देख भड़क गये और तहसील में नारेबाजी शुरू कर दी। उपजिलाधिकारी एवं सीओं के गुरूवार को विद्‍युत विभाग और उपभोक्ताओं की मीटिंग के आश्वासन पर उपभोक्ता शांत हुए। इस दौरान शिकायत एवं मांग से संबंधित पत्रक भी सौंपा गया।

ज्ञात हो कि विद्युत विभाग की ओर से शनिवार को नगर के सोनार टोली मोहल्ला में बिजली बिल चेकिंग, बकाएदारों से वसूली, बकायेदारों का विद्युत विच्छेदन आदि को लेकर अभियान चलाया जा रहा था। जिसका विरोध नागरिकों ने पुर जोर तरीके से किया तो गुस्साये बिजली विभाग के कर्मचारियों ने कोतवाली में तहरीर दी। वही इसकी सूचना जब नगर के लोगों को हुई तो बड़ी संख्या में नागरिक कोतवाली पहुंचे और बिजली विभाग की शिकायत सीओ जमानिया से की। जिस बाद विद्‍युत विभाग और उपभोक्ताओं की समस्या को सुनने के लिए रविवार का दिन मुकर्रर किया गया। जिस पर बड़ी संख्या में उपभोक्ता अपनी समस्या लेकर तहसील पहुंचे लेकिन बिजली विभाग के अधिकारी नहीं आये। जिससे नाराज होकर उपभोक्ताओं ने तहसील परिसर में नारेबाजी की। तहसील परिसर में नारेबाजी की आवाज सून कार्यालय में उपस्थित उपजिलाधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक मौके पर तत्काल पहुंच गये। इस दौरान श्री प्राचीन रामलीला समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश गुप्ता ने बिजली विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बिजली विभाग डरा धमका कर उपभोक्ताओं से वसूली कर रही है। पहले बिजली बिल गलत करते है या लोड़ बढ़़ाते है और फिर उसे ठिक करने के लिए उपभोक्ताओं को चढ़ावा चढ़ाने के लिए मजबूर करते है। कहा कि मीटर‚ ट्रांस्फार्मर आदि बदलने के लिए मोटी रकम मांगी जाती है और रकम की अदायी न होने पर कार्य नहीं किया जाता है। उन्होंने इसका उदाहरण देते हुए कहा कि स्वास्थ्य केन्द्र में लगा बिजली विभाग का 400 केबीए का ट्रांस्फार्मर जल गया था। जिसके बाद विभाग की ओर से दूसरा ट्रांस्फार्मर लगाने के लिए आया लेकिन 4000 रूपये की मांग की गयी और न देने पर स्वास्थ्य केन्द्र के लिए आया ट्रांस्फार्मर वापस चला गया। काफी मान मुनव्वर के बाद करीब एक माह बाद लगा। उन्होंने मांग की कि अधिशासी अभियंता‚ एसडीओ और जेई के भ्रष्टाचार की जांच कर मुकदमा दर्ज किया जाए। इनकी सम्पत्ति की जांच की जाए। जिस पर उपजिलाधिकारी रमेश मौर्य एवं सीओ कुलभूषण ओझा ने गुरूवार को विद्‍युत विभाग और उपभोक्ताओं की मीटिंग कराने और सौंपे गये पत्रक की जांच करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर दर्जनों उपभोक्ता मौजूद रहे।