जमानियां। अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कंप्यूटर में प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी कन्या सुमंगला योजना फंस गई है। कन्या सुमंगला योजना के आवेदनों पर ऑनलाइन रिपोर्ट लगाने पर कर्मचारी लेटलतीफी कर रहे हैं।
जिस पर खंड विकास अधिकारी ने शुक्रवार को ग्राम पंचायत सचिव को चेतावनी जारी की। खंड विकास अधिकारी हरि नरायण ने बताया कि 600 आवेदन अलग-अलग कर्मचारियों के पास पेंडिंग हैं। जिससे गांव के बेटियों को आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कन्या सुमंगला योजना के आवेदनों का सत्यापन रिपोर्ट शनिवार तक लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद भी ऑनलाइन रिपोर्ट की रफ्तार में कोई खास इजाफा नहीं हो सका है। जिस पर उन्होंने सुनील कुमार‚ बबलू कुमार और अरूण कुमार पाण्डेय ग्राम पंचायत सचिवों को छोड़ कर शेष 16 सचिवों को कार्य में लापरवाही बरतने पर चेतावनी नोटिस जारी की है। उन्होंने बताया कि 80 प्रतिशत आवेदन अपात्र कर रहे है। जो अपने पुत्र एवं पुत्रियों कि संख्या को छुपा कर आवेदन कर रहे है। उन्होंने गांव के कुटुंब रजिस्टर को भी जल्द अपडेट करने का निर्देश दिया ताकि इसका परिवार कि संख्या का पता लगाया जा सके। बताया कि तीन लाख तक सालाना कमाने वाले परिवार की बेटियों को छह चरण में सरकार आर्थिक मदद देती है। बच्ची के पैदा होने से लेकर उच्च शिक्षा हासिल करने तक सरकार अलग-अलग चरण में आर्थिक मदद देती है।