मौसम का रूख बदला, पारा  लुढ़कने से सिहरन बढी

मौसम का रूख बदला, पारा  लुढ़कने से सिहरन बढी

सुहवल । मौसम का रूख बदला, पारा लुढ़कने से सिहरन बढी ।लोग अपने-अपने घरों में कैद रहने को मजबूर हुए, वहीं तेज हवा के साथ बरसात होने से बढी ठंठ से बचने के लिए लोग जगह-जगह अलावा तापते नजर आए ।

बृहस्पतिवार की देर रात्रि को हवाओं के झोंके के साथ चमक-दमक के साथ लगातार बरसात ने किसानों की चिंताए काफी बढा दी है, खेतों, खलिहानों रखे गये धान के बोझ आदि पूरी तरह से भींग गये आज सुबह से भी इंद्रदेवता की कोई मेहरबानी न होने से भाष्कर देव के दर्शन नहीं हो पाए जिसके कारण मौसम में और तल्खी आने के साथ ही ठंठक काफी बढ गई है ।वहीं लोग घरों में रखे गर्म कपडे निकाल लिए बहुत से लोग तो दुकानों पर गर्म कपडे खरीदने वालों की भीड देखी गई ।फसलें भींगने के कारण किसानों को इन्हें बचाने के लिए कोई उपाय नहीं सुख रहा है । मौसम के लगातार उतार चढ़ाव से एक बार फिर ठंड और गलन का असर बढ़ गया है। तापमान में गिरावट दर्ज की गई। वहीं मौसम का रूख देखकर किसानों की भी चिंताएं बढ़ने लगी हैं।किसानों ने मौसम को देखते हुए ओला पड़ने का भय सताने लगा है। इससे दलहनी और तिलहनी की फसलों के नुकसान होने का खतरा है। मौसम के उतार एवं चढ़ाव से गर्मी और ठंड का असर होने से स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ सकता है। सर्दी और जुकाम के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इससे बच्चों को मौसम पर अधिक प्रभाव पड़ सकता है। सांस के मरीजों को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ सकती है ।