
गाजीपुर। (सू0वि0) जनपद में आज विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया, जिसके तहत मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय सहित विभिन्न ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
सीएमओ कार्यालय के सभागार में सहायक मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) डॉ. संजय कुमार की अध्यक्षता में मलेरिया से बचाव के लिए शपथ ग्रहण समारोह हुआ। वहीं, एक अन्य कार्यक्रम में जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार ने अंधऊ स्थित डालिम्स सनबीम स्कूल में छात्रों को मलेरिया के लक्षण, जांच, उपचार और बचाव के उपायों की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर सीएमओ ने बताया कि मलेरिया मादा एनोफिलीस मच्छर के काटने से फैलता है, जो अनुपयोगी कुओं, तालाबों, सीमेंट के टैंकों, नालों और जल जमाव वाले निचले इलाकों में पनपते हैं। उन्होंने मच्छरों के प्रजनन स्थलों की नियमित निगरानी और निराकरण पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अब मच्छरों का प्रकोप पूरे साल देखा जा रहा है, इसलिए शहरी क्षेत्रों में लार्वारोधी छिड़काव का कार्य वर्ष भर चलेगा। स्वास्थ्य टीमें सर्वाधिक मच्छर प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर रही हैं। सीएमओ ने विश्व मलेरिया दिवस मनाने के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसका लक्ष्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। इस वर्ष विश्व मलेरिया दिवस की थीम “मलेरिया हमारे साथ समाप्त होता है: रूपुनर्निवेश, पुनर्कल्पना, पुनर्जीवन” है। जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि वर्तमान में चल रहे संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों के प्रजनन स्रोतों को नष्ट किया जा रहा है। एंटी लार्वा का छिड़काव और फॉगिंग भी कराई जा रही है, जिसमें नगर विकास विभाग और पंचायती राज विभाग सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि मलेरिया की जांच और उपचार की सुविधा जिला मुख्यालय के साथ-साथ सभी सीएचसी/पीएचसी और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर उपलब्ध है। शासन के निर्देशानुसार, आशा कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (आरडीटी) किट से मलेरिया की त्वरित जांच कर रही हैं, जिसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया गया है। जांच में पॉजिटिव पाए जाने पर रोगी का तुरंत पूर्ण उपचार किया जाएगा। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि मादा एनोफिलीस मच्छर के अंडे से मच्छर बनने में लगभग एक सप्ताह का समय लगता है। इसलिए, सप्ताह में एक बार एंटीलार्वा का छिड़काव आवश्यक है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे कूलर, गमले, टीन के डिब्बे, नारियल के खोल, फ्रिज के पीछे की डीफ्रॉस्ट ट्रे जैसे जलपात्रों को सप्ताह में एक बार जरूर खाली करें। उन्होंने कहा कि मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति का समय पर इलाज शुरू होने से जान का खतरा कम हो जाता है। मलेरिया के लक्षणों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बुखार, कपकपी, ठंड लगना, सिरदर्द, शरीर दर्द, मिचली और उल्टी को प्रमुख लक्षण बताया। मलेरिया से बचाव के लिए उन्होंने रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करने, आसपास दूषित पानी जमा न होने देने, साफ-सफाई रखने और बुखार होने पर तुरंत आशा कार्यकर्ता से संपर्क करने या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर परामर्श लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सही समय पर निदान और उपचार से रोगी पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है।