किशोरियों का बनेगा हैल्थकार्ड, एनीमिया से दिलाई जाएगी मुक्ति

किशोरियों का बनेगा हैल्थकार्ड, एनीमिया से दिलाई जाएगी मुक्ति

गाजीपुर। केंद्र सरकार द्वारा संचालित पोषण अभियान के एक साल पूरे होने के मौके पर आठ मार्च से 22 मार्च तक पूरे प्रदेश में पोषण पखवारा मनाने का निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया है। “किशोरी बालिकाओं में एनीमिया की समस्या का समाधान” इस पखवारे का मुख्य फोकस बिन्दु है। इसके लिए आठ मार्च को प्रदेश के सभी एएनएम सब-सेंटर पर किशोरी दिवस मनाया जाएगा और हर किशोरी को हेल्थ कार्ड जारी किया जाएगा।

इसके लिए प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने माध्यमिक शिक्षा, बाल विकास एवं पुष्टाहार और चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिवों के अलावा सभी जिला अधिकारियों को पत्र भेजकर इस कार्यक्रम को सफल बनाने की बात कही है।
पत्र के मुताबिक किशोरी दिवस पर जो प्रमुख गतिविधियां तय की गयी हैं, उनमें हर किशोरी का हेल्थ कार्ड जारी करना, 11 से 14 वर्ष की सभी किशोरियों की ऊंचाई व वजन की माप करना और खून की जांच शामिल हैं। इस कार्य में आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और एएनएम की मदद ली जाएगी। किशोरियों को उनके हीमोग्लोबिन के स्तर को बताने के साथ ही उसे उनके कार्ड में भी दर्ज किया जाएगा। इस दिवस पर खून की जांच रिपोर्ट के आधार पर किशोरियों को एनीमिया से बचने के लिए आयरन की गोलियों के सेवन और खान-पान संबंधी विस्तृत जानकारी भी दी जाएगी। स्कूल न जाने वाली किशोरियों की जांच एएनएम द्वारा उप केंद्र पर प्रातः कालीन सत्र में किया जाएगा। स्कूल जाने वाली सभी किशोरियों की भी ऊंचाई, वजन और खून की जांच एएनएम सब सेंटर पर होगा। इसके लिए किशोरियाँ स्कूल की छुट्टी के बाद सेंटर पर जाएँ और अपराहन सत्र में जांच कराएं। इन्हें भी किशोरी हेल्थ कार्ड दिया जाएगा। सभी किशोरियाँ सेंटर पर पहुंचे इसके लिए प्रधानाध्यापक की भी मदद ली जाएगी। सेंटर पर संबन्धित आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम के साथ ही पोषण सखी की भी उपस्थिति को अनिवार्य किया गया है। पत्र में जिक्र है कि प्रदेश में किशोरी बालिकाओं के हीमोग्लोबिन की जांच और एनीमिया के इलाज के लिए यह अभियान लगातार चलाया जाये। आठ मार्च के चार माह बाद आठ जुलाई 2019 और उसके छ्ह माह बाद आठ जनवरी 2020 को इस कार्य को विधिवत संचालित किया जाये ताकि किशोरियों को एनीमिया से मुक्त किया जाये।
नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे-4 (2015-16) पर नजर डालें तो उत्तर प्रदेश की 15 से 19 साल की किशोरियाँ सबसे ज्यादा एनीमिया की गिरफ्त में हैं, जिनकी तादाद 53.7 फीसद है।
सामान्यतः महिलाएं व लड़कियां आयरन की गोलियों का सेवन दूध व चाय के साथ करती हैं, जो की गलत है इससे शरीर में आयरन का अवशोषण कम हो जाता है। इसके अलावा आईएफए टेबलेट का सेवन विटामिन सी युक्त आहार जैसे नीबू, संतरा, आंवला आदि के साथ किया जाना चाहिए जिससे आयरन का अवशोषण शरीर में सुचारु रूप से हो सके। भोजन में मेथी, पालक, बथुआ, सरसों, गुड़ आदि की मात्रा बढ़ाएँ क्योंकि इसमें आयरन की मात्रा अधिक होती है। अंकुरित दालों को हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ पकाकर खाना चाहिए।
पखवारे के दौरान आठ मार्च को किशोरी दिवस का आयोजन और नौ मार्च को ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता व पोषण दिवस और कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों का चिन्हाकन किया जाएगा। 10 मार्च को साइकिल रैली (पोषण से संबन्धित जनजागरूकता बढ़ाना), 11 मार्च को स्कूलों में सुपोषण गोष्ठी, 12 मार्च को स्वयं सहायता समूहों की बैठक, 13 मार्च को वीरांगना दल द्वारा प्रभातफेरी निकाली जाएगी। 14 मार्च को रेसिपी प्रदर्शन और प्रतियोगिता, 15 मार्च को ममता दिवस, 16 मार्च को किसानों द्वारा गावों और शहर में पोषण हाट, 17 मार्च को पोषण दौड़, 18 मार्च को स्थानीय साग-सब्जी, फल से बनाए जाने वाले व्यंजनों की रेसिपी प्रतियोगिता, 19 मार्च को वीरांगना दल व अन्य युवा समूहों की बैठक, 20 मार्च को अन्नप्राशन दिवस का आयोजन होगा। 21 मार्च को पोषण रैली और 22 मार्च को ग्राम पंचायत एवं मातृ समिति की बैठक का आयोजन किया जाएगा।