कोविड काल में सहयोग,प्रेम और भारतीय संस्कृति के प्रति अनुराग बढ़ा-डॉ.संगीता शर्मा

कोविड काल में सहयोग,प्रेम और भारतीय संस्कृति के प्रति अनुराग बढ़ा-डॉ.संगीता शर्मा

जमानियां। चाइल्ड लाइन, ह्यूमन यूनिटी मूवमेंट, राष्ट्रीय सेवा योजना उ.प्र.और यूनिसेफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय वेवि नार “कोविड19: बच्चों की स्थिति एवं हमारी भूमिका” पर 15 जून 2020 को अपराह्न 12:00 बजे से बैठक आहूत की गई।

संगोष्ठी संयोजक डॉ.अंशुमाली शर्मा विशेष कार्याधिकारी एवं राज्य संपर्क अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना लखनऊ ने संगोष्ठी के उद्देश्य तथा प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान समाज के हर व्यक्ति तक मदद पहुँचाना हमारा कर्तव्य है।देश के बच्चों के मानसिक, शारीरिक स्वास्थ्य एवं विकास को प्राथमिकता देने हेतु विभिन्न विषय विशेषज्ञ इस वर्चुअल प्लेटफार्म पर एकत्रित हैं और सभी के अपने कार्य क्षेत्र के अनुभव के आधार पर एक पुख़्ता निष्कर्ष हमारे सामने निकलकर आयेगा जिससे हम और हमारा समाज लाभान्वित होगा ऐसी मुझे उम्मीद है।वेबीनार में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना कोविड-19 संकट के समय जन-जन तक विभिन्न रूपों में युवा सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
वेबीनार के आमंत्रित अतिथि वक्तागण पुनीत मिश्रा,उपनिदेशक महिला कल्याण विभाग उ.प्र.डॉ. रश्मि सोनी मनोचिकित्सक, डॉ. अशोक कुमार श्रोती, क्षेत्रीय निदेशक राष्ट्रीय सेवा योजना लखनऊ, भारत सरकार ,डॉ. संगीता शर्मा, चाइल्ड वेलफयर कमेटी सदस्य,डा.के.ए.पांडेय एसोसियेट प्रोफ़ेसर राममनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्व विद्यालय लखनऊ,सुधीर मिश्रा, एडिटर नवभारत टाईम्स, रवि श्रीवास्तव असिस्टेंट लेबर कमिश्नर, आफ़ताब मोहम्मद चाइल्ड प्रोटेक्शन स्पेशलिस्ट यूनीसेफ़ यू.पी., अभिषेक पाठक सीनियर प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर, रीजनल सेंटर चाइल्ड लाइन इंडिया फ़ाउंडेशन, नई दिल्ली, ललिता प्रदीप, डायरेक्टर एस.आइ.ई.टी.ने अपने गूढ़ विचार अपने अपने क्षेत्र के अनुभवों के आधार पर रखे। आयोजन सचिव डॉ.दयाशंकर सिंह, यूनिसेफ़ ने अतिथियों का स्वागत किया। डॉ.श्रोती ने स्वस्थ जननी ,स्वस्थ बालक , पोषण के विषय में विशेष रूप से युवा वर्ग को जागरूकता में महती भूमिका पर प्रकाश डाला है।ललिता प्रदीप ने अपने वक्तव्य में कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना नाट मी बट यू का सिद्धांत हमें प्रेरित करता है। समाज के प्रति स्वार्थ रहित सेवा के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना ने कोविड-19 में तीन चरणों में जनता कर्फ्यू प्रवासी भारतीयों की समस्या और लॉक डाउन के समय अपनी सेवाएं प्रदान की हैं और यथाशक्ति लोगों को संकट का सामना करने के योग्य बनाने में सहयोग आज भी दे रहे हैं। बेसिक शिक्षा से जुड़ी नई कोशिश को शिक्षकों को वेबिनार व कार्यशाला द्वारा प्रशिक्षित किया गया है किंतु 60 प्रतिशत ग्रामीण बच्चों तक पहुँचने के लिए एनएसएस के युवा स्वयं सेवक सेविकाओं की आवश्यकता है। पुनीत मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि कोविड-19 के दौरान तक़रीबन 600 बच्चों को बाल संरक्षण गृह से छोड़ दिया गया था।महिलाओं की स्वास्थ्य सम्बंधी शिक्षा ,मेंटल हेल्थ के प्रति जागरूकता हेतु आशा ज्योति केंद्रों पर प्रशिक्षण कराया गया है आगे एनएसएस के संयुक्त तत्वावधान में जन जन को योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। डॉ.रश्मि सोनी ने कहा परेशानियां जीवन का हिस्सा हैं उससे जूझना और उसे हराना हमारी सकारात्मकता पर निर्भर करता है।भारत में कोविड-19 से उबरने की पूरी क्षमता है और आने वाला समय भारत का होगा।सुधीर मिश्रा ने कहा कि संकट के समय खुश रहना सरल नहीं है इसलिए सकारात्मक सोच बनाए रखने की आवश्यकता आज अधिक है।वर्तमान परिस्थिति में 10 वर्ष से छोटे बच्चों को साल भर विद्यालय नहीं भेजना चाहिए। इसके लिए स्कूलिंग पर ज़ोर देना चाहिए।आफ़ताब मोहमद ने चाइल्ड केयर से सम्बंधित पांच सूत्रीय बिंदु पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया।उन्होंने कहा कि सरकारी व ग़ैर सरकारी संस्थाएँ को एकत्रित होकर कार्य का क्रियान्वयन करना चाहिए।15 दिनों में समीक्षा मीटिंग द्वारा कार्य की प्रगति पर बात होते रहने से जरूरतमंद बच्चों तक सही मायने में मदद पहुँचेगी। पाठक जी ने कहा कि आपदा जब भी आती है वर्जनाए टूटती हैं और नए वर्जनाओं का जन्म होता है। कोविड काल में एनएसएस ने व्यापक स्तर पर कार्य किया है । डॉ.पांडेय ने विधिक कमज़ोरियों की ओर इंगित करते हुए सुप्रीम कोर्ट की 03 अप्रैल की बात करते हुए समग्रतापूर्वक विचारकर नीतिगत निर्णय लेने हेतु प्रेरित करने की बात कही। डॉ.संगीता शर्मा ने कहा कि इस वेबिनार के ज़रिए हम एनएसएस के युवाओं की मदद से रिमांड होम में रह रहे बच्चों को स्किल डेवलपमेंट के माध्यम से रोज़गारपरक शिक्षा दे सकते हैं। डॉक्टर शर्मा ने कहा कि कोविड-19 के समय सहयोग अनुशासन भारतीय संस्कृति के प्रति प्रेम उत्पन्न हुआ है। सभी संस्थाएँ जब एक उद्देश्य से बाल कल्याण हेतु सोचेंगे तो निश्चित युवाओं के साथ समाज के हर तबके तक जागरुकता की अलख जगायी जा सकती है।वेबीनार का अंतिम सत्र प्रश्न उत्तर का था जिसमें प्रतिभागियों विशेष रुप से कार्यक्रम अधिकारियों ने प्रश्न पूछे, अपनी बात कही तथा उपस्थित अतिथियों ने उनके प्रश्नों का उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया। डॉक्टर मंजू सिंह राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम समन्वयक इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने उपस्थित अतिथियों एवं प्रतिभागियों के प्रति धन्यवाद एवं आभार ज्ञापित किया। इस वेबीनार में कार्यक्रम अधिकारियों, मेंटल हेल्थ काउंसलर,प्राध्यापक तथा स्वयं सेवक सेविकाओं सहित विभिन्न आयु वर्ग के संपूर्ण भारत से लगभग 400 लोगों ने प्रतिभागीता की तथा वेबीनार के आयोजन के उद्देश्य को सफल बनाया। वेविनार में जनपद गाजीपुर नोडल अधिकारी डॉ.अमित यादव सहित हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय जमानियां गाजीपुर से कार्यक्रम अधिकारी डॉ.अरुण कुमार, डॉ.रविन्द्र कुमार मिश्र, वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ.अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री, पूर्व स्वयं सेवक सुनील कुमार चौरसिया, चंद्रलोक शर्मा, पवन कुमार चौरसिया आदि ने प्रतिभाग किया।