गाजीपुर। कुपोषण को दूर भगाने और गांव को सुपोषण गांव बनाने के लिए जनपद के जनपद स्तरीय अधिकारियों के द्वारा गांव को गोद लिया गया है ताकि वह अपनी देखरेख में गांव को सुपोषित करा सके साथ ही जनपद गाजीपुर में पिछले माह शासन के द्वारा भेजी गई 3 महिला सदस्यो द्वारा आंगनबाड़ी अवलोकन के दौरान यह कहा गया था की जिला स्तरीय अधिकारी को पता है कि कुपोषण व विभागीय जानकारी हेतु जल्द प्रशिक्षण आयोजित की जाए उसी के क्रम में शुक्रवार को सुपोषित गांव हेतु गोद लिए गए जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन विकास भवन सभागार में किया गया ।
सर्वप्रथम जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पाण्डेय द्वारा परिचय किया गया। तत्पश्चात सुपोषित गांव की संकल्पना व बैठक का उद्देश्य के बारे में बताया ।साथ ही ये भी बताया कि गोद लिए गए गांव की संकल्पना ही सुपोषित गांव है । इस दौरान यह भी सुनिश्चित किया कि अब जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा सुपोषित गांव में जाने पर सुपोषित गांव के बाल विकास परियोजना अधिकरी को एक दिन पूर्व सूचित करें व जिससे उस दिन गांव में परियोजना अधिकारी व सुपरवाइजर मौजूद रहे ।
जिला स्वस्थ भारत प्रेरक जितेंद्र गुप्ता द्वारा सभी को जनपद का प्रोफाइल व कुपोषण की स्थिति, जनपद व राष्ट्रीय स्तर पर कुपोषण ,बौनापन, नाटापन,एनीमिया के बारे में साथ ही कन्वर्जेंस विभाग व उनके दायित्व व विभागीय योजनाओं की जानकारी भी दी गई ।जिसमें शासन द्वारा फंडेड व नॉन फंड गतिविधियों के बारे में बताया गया। जिसमें लाड़ली दिवस,ममता दिवस, किशोरी दिवस,बचपन दिवस,अन्नप्राशन, पोषण चौपाल,सुपोषण स्वास्थ्य मेला, रेसिपी व्यंजन प्रतियोगिता शामिल है ।
राज्य पोषण मिशन के नोडल अरुण दूबे ने बताया कि सुपोषित गांव बनाने की प्रक्रिया के साथ 2 कोर मानक व 9 आवश्यक मानक के बारे में भी बताया ।इसी के साथ सुपोषित गांव में उपरोक्त सेवाओं के बारे में भ्रमण के दौरान जानकारी लें और सेवाओं का सीधा मूल्यांकन गांव के जन समुदाय के साथ बैठक समीक्षा करें।
इस प्रकार आज के बैठक में जिला स्तरीय अधिकारी सहित बाल विकास परियोजना अधिकारी व प्रभारी अधिकारी उपस्थित रहे।