ग़ाज़ीपुर। पोषण मिशन योजना के तहत आज पूरे प्रदेश में किशोरी दिवस मनाया गया। इसी क्रम में जनपद के 402 एएनएम केंद्र पर आज किशोरी दिवस मनाया गया।
इस दिवस सभी एएनम केंद्रों पर आंगनवाड़ी की सुपरवाइजर, ग्राम प्रधान के साथ ही गांव की किशोरियों और महिलाएं उपस्थित रही। किशोरी दिवस पर इन केंद्रों पर सभी 11 से 14 साल की किशोरियों का वजन, ऊंचाई और स्वास्थ्य की जांच की गयी जिसमें मुख्य रूप से हीमोग्लोबिन की जांच की गई। वहीं जिन किशोरियों में 7% से कम हिमोग्लोबिन पाया गया उन्हें तत्काल आयरन की गोलियां उपलब्ध कराई गई और भविष्य में भी आयरन की गोली खाने के लिए सलाह दी गयी।
जिला स्वस्थ भारत प्रेरक जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि जनपद में एक लाख 45 हजार स्कूल जाने वाली किशोरिया है जबकि 4200 किशोरिया ऐसी है जो स्कूल नहीं जाती । इन सभी का आज जांच कर इनका हेल्थ कार्ड जारी किया गया है।
जखनिया ब्लॉक के जखनिया नगरी एएनएम केंद्र के साथ ही जलालाबाद, कोठियां सहित 27 एएनएम केंद्र पर किशोरी दिवस का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर आई हुई सैकड़ों किशोरियों का वजन व लंबाई नापने के साथ ही ब्लड जांच की गयी एवं टिटनेस का इंजेक्शन भी लगाया गया। इसके साथ ही पोषाहार भी वितरित किया गया।
सदर ब्लाक के बबेड़ी आंगनबाड़ी केंद्र पर किशोरी दिवस के अवसर पर किशोरीयो को आयरन की गोलियां खिलाकर कार्यक्रम का शुरुआत किया गया। साथ ही समुदाय के बीच स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका व वीरांगना दल के बारे में बताया गया व साथ ही उनके नियमित आयरन सेवन व उसके फायदे के बारे में बताया गया साथ ही समुदाय के बीच शादी की सही उम्र व पोषण स्वास्थ्य शिक्षा से अवगत कराया ।बैठक में सदर परियोजना अधिकारी सुश्री अंजू सिंह ने उपस्थित किशोरियों को आयरन की गोली खिलाकर नियमित खाने की सलाह दिया व घर पर पौष्टिक भोजन पर ध्यान देने के लिये कहा ।सुपरवाइजर तारा सिंह ने समुदाय से किशोरी के ख्याल व नियमित देखभाल के लिये कहा ।
सीडीपीओ जखनिया धनेश्वर ने बताया कि जांच के दौरान जिन किशोरियों में ब्लड की कमी पाई गई उन्हें आयरन की गोलियों का सेवन करने के बारे में बताया गया। उन्हें बताया गया कि दूध व चाय के साथ आयरन की गोली लेने से शरीर में आयरन का अवशोषण कम हो जाता है। जबकि आई०एफ०ए० टेबलेट का सेवन विटामिन सी युक्त आहार जैसे नीबू, संतरा, आंवला आदि के साथ किया जाना चाहिए जिससे आयरन का अवशोषण शरीर में सुचारु रूप से हो सके। भोजन में मेथी, पालक, बथुआ, सरसों, गुड़ आदि की मात्रा बढ़ाएँ क्योंकि इसमें आयरन की मात्रा अधिक होती है। अंकुरित दालों को हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ पकाकर खाना चाहिए।
पोषण पखवारे के दौरान नौ मार्च को ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता व पोषण दिवस और कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों का चिन्हाकन किया जाएगा। 10 मार्च को साइकिल रैली (पोषण से संबन्धित जनजागरूकता बढ़ाना), 11 मार्च को स्कूलों में सुपोषण गोष्ठी, 12 मार्च को स्वयं सहायता समूहों की बैठक, 13 मार्च को वीरांगना दल द्वारा प्रभातफेरी निकाली जाएगी। 14 मार्च को रेसिपी प्रदर्शन और प्रतियोगिता, 15 मार्च को ममता दिवस, 16 मार्च को किसानों द्वारा गावों और शहर में पोषण हाट, 17 मार्च को पोषण दौड़, 18 मार्च को स्थानीय साग-सब्जी, फल से बनाए जाने वाले व्यंजनों की रेसिपी प्रतियोगिता, 19 मार्च को वीरांगना दल व अन्य युवा समूहों की बैठक, 20 मार्च को अन्नप्राशन दिवस का आयोजन होगा। 21 मार्च को पोषण रैली और 22 मार्च को ग्राम पंचायत एवं मातृ समिति की बैठक का आयोजन किया जाएगा।