गाजीपुर। स्वास्थ्य विभाग अब डिप्थीरिया और टिटनेस को पूर्ण रूप से खत्म करने हेतु टीडी (टिटनेस और डिप्थीरिया) इंजेक्शन लगाने की शुरुआत कर रही है, जिससे 10 से 16 साल के बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को बीमारियों से बचाया जा सके। 1998 से विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह के अनुसार टीटी के बदले टीडी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि 5 वर्ष या उससे ज्यादा के आयु वर्ग में 2017 और 2018 में टीकाकरण नहीं हुआ था जिसके चलते कई प्रदेशों में 10 वर्ष से ज्यादा की आयु वर्ग में डिप्थीरिया के मामला सामने आए।
टेटनस टॉक्साइड (टीटी) की जगह अस्पतालों में टेटनस एंड एडल्ट डिप्थीरिया (टीडी) का टीका लगाया जाएगा। पहले चरण में 10 से 16 साल की उम्र तक के किशोरों और गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया जाएगा। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को टीटी इंजेक्शन स्थान पर टीडी प्रसव पूर्व देखभाल के दौरान मां एवं नवजात को टेटनेस व डिप्थीरिया के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करती है एवं गर्भावस्था के दौरान टीका रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
जिला प्रतिरक्षक अधिकारी डॉ. आर के सिन्हा के नेतृत्व में टीडी के टीकाकरण की जल्द ट्रेनिंग ब्लाक स्तर पर भी शुरू कराई जाएगी। ट्रेनिंग के बाद टीकाकरण करने वाली टीमें जागरुकता अभियान चलाएंगी। आने वाले कुछ दिनों में ही अभियान शुरू किया जाएगा। उन्होने बताया कि टेटनस वैक्टीरियम क्लोस्ट्रीडियम टेटानी की खतरनाक नस्ल द्वारा पैदा होने वाली तीव्र संक्रामक बीमारी है। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन डिप्थीरिया से व्यस्क ज्यादा प्रभावित हैं।
उन्होने बताया कि डिप्थीरिया टीडी टीका, टेटनस और डिप्थीरिया का मेल है, इसमें बड़े बच्चों और वयस्कों के लिए सलाह अनुसार डिप्थीरिया एंटीजेन की मात्रा है। टीकाकरण सर्विलांस आंकड़ों के अनुसार डिप्थीरिया के ज्यादातर मामले पांच वर्ष या उससे ज्यादा आयु वर्ग में सामने आए हैं। इससे स्पष्ट हुआ कि डीटीपी के प्राथमिक टीकाकरण के बाद नवजात में डिप्थीरिया के विरुद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। निरंतर सुरक्षा के लिए डिप्थीरिया टॉक्साइड युक्त टीकों की बूस्टर खुराक आवश्यक है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि टीटी के बदले टीडी इंजेक्शन के बारे में जानकारी देने के लिए जिला स्तर पर वर्कशॉप का आयोजन कर प्रशिक्षित किया जाना है। इसके अलावा एएनएम को टीकाकरण की जानकारी के लिए ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि इस टीकाकरण की लांचिंग के लिए पूरी तैयारी जोरों शोरों पर चल रही है और इसकी वैक्सीन बहुत जल्द जनपद में आने वाली है और अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में इसकी शुरुआत भी की जाएगी।