पोलियो की खुराक पिलाकर जिलाधिकारी ने किया पल्स पोलियो कार्यक्रम का शुभारम्भ

पोलियो की खुराक पिलाकर जिलाधिकारी ने किया पल्स पोलियो कार्यक्रम का शुभारम्भ

गाजीपुर।एक भी बच्चा छूटा,सुरक्षा चक्र टूटा। कुछ इन्हीं बातों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन पिछले कई सालों से पल्स पोलियो का अभियान चलाकर भारत से पोलियो का नामोनिशान मिटाने में लगी हुई है ।

रविवार को जनपद में 2009 बूथों पर पल्स पोलियो की खुराक पिलाने का कार्यक्रम की शुरुआत किया गया। आज के इस कार्यक्रम की शुरुआत जिलाधिकारी के.बालाजी ने सदर ब्लाक के बघोल गांव के प्राथमिक विद्यालय पर बच्चे को पोलियो की खुराक पिलाकर इस कार्यक्रम का विधिवत आगाज किया। इस दौरान बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के आंगनबाड़ी कार्यकत्रियो के द्वारा लगाए गए स्टाल का भी अवलोकन किया।उद्घाटन कार्यक्रम के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला प्रतिरक्षण अधिकारी स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अन्य लोगों ने जनपद के कई बूथों का अवलोकन किया । और वहां पर आए हुए बच्चों को पोलियो की खुराक पीने के बाद यूनिसेफ के द्वारा प्रदान किए गए टोपी, सीटी, व अन्य सामान देकर अगले पल्स पोलियो के कार्यक्रम में फिर से शरीक होने के लिए प्रोत्साहित किया।मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ जीसी मौर्य ने बताया कि यह दवा पाँच वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिये आवश्यक है। यह दवा जन्म पर, छठे, दसवें व चौदहवें सप्ता्ह में फिर 16 से 24 माह की आयु में बूस्टर की खुराक दी जानी चाहिए। पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों को बार-बार खुराक पिलाने से पूरे क्षेत्र में इस बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ती है, जिससे पोलियो के विषाणु को पनपने से रोकती है।जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ आरके सिन्हा ने बताया कि पिछले चरण की तरह इस चरण के लिए भी जन्म से पाँच वर्ष तक के 5.4 लाख सम्भावित बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पिछले चरण में जनपद की उपलब्धि 66% थी। उन्होने बताया कि इस चरण के लिए जिले भर में 2009 बूथ बनाए गए हैं। साथ ही 64 मोबाइल टीम भी बनाई गई है । इसके साथ ही अभियान के 948 टीमें बनाए गए हैं जो 24 जून से 28 जून तक घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का काम करेंगे। साथ ही बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर पोलियो की खुराक पिलाने के लिए 97 टीम ने बनाई गई हैं। पल्स पोलियो के आज के इस कार्यक्रम को सकुशल निपटाने के लिए 6027 एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ती इसमें अपना सहयोग करेंगी।डब्ल्यूएचओ के डॉ पंकज सुथार ने बताया कि पोलियो या पोलियोमेलाइटिस एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है। पोलियो वायरस से होता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। साथ ही यह वायरस जिस भी व्यक्ति में प्रवेश करता है उसके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है जिसकी वजह से लकवा भी हो सकता है।कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जी सी मौर्य,जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ आर के सिन्हा ,डॉ के के वर्मा, डॉ डीपी सिन्हा ,डीपीएम प्रभुनाथ, डॉ मनोज ,आशीष, प्रवीण के साथ ही लेखाकार अमित राय भी उपस्थित रहे।