फाइलेरिया से बचाव के लिए मलेरिया विभाग रात में भी कर रहा इलाज

फाइलेरिया से बचाव के लिए मलेरिया विभाग रात में भी कर रहा इलाज

ग़ाज़ीपुर।फाइलेरिया से बचाव के लिए जिला मलेरिया विभाग के द्वारा प्रत्येक बृहस्पतिवार की रात में फाइलेरिया से पीड़ित मरीजों की जांच और जांच उपरांत पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें नि:शुल्क दवा का वितरण की जाती है। इसी क्रम में बृहस्पतिवार की रात 4 से 5 मरीजों की जांच लैब टेक्नीशियन राम अवतार सिंह यादव और बचाव, व्यायाम व रख-रखाव के बारे में जानकारी फाइलेरिया इंस्पेक्टर अजय शुक्ला के द्वारा दी गयी।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ बेदी यादव ने बताया कि विभाग के द्वारा प्रत्येक बृहस्पतिवार की रात में फाईलेरिया के मरीजों की जांच की जाती है क्योंकि रात के वक्त ही फाइलेरिया के लक्षण को आसानी से पहचाना जा सकता है। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में 1,150 मरीज फाइलेरिया के रजिस्टर्ड हैं जिनकी पूरी दवा विभाग के द्वारा नि:शुल्क दी जाती है। इन दवाइयों को प्रत्येक छह माह मे एक बार लगातार 12 दिन तक खाना होता है। इसके साथ ही साल में एक बार ‘फाइलेरिया दिवस’ पर पूरी जनसंख्या को फाइलेरिया से बचने हेतु दवा भी खिलाई जाती है।जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार फाइलेरिया पूरी दुनिया में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। साल 2016 तक देश में प्रभावित जिलों में 6 करोड़ 30 लाख लोगों का उपचार किया गया है। राष्ट्रीय स्तर पर इस बीमारी से प्रभावित 256 जनपदों में से 100 जिलों में यह बीमारी तेजी से कम हुई है। आगे उन्होने फ़ाईलेरिया के कारण, लक्षण और निदान के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

फाइलेरिया 21 राज्यों में ले चुकी है विकराल रुप 

हाथीपांव नाम से प्रचलित यह बीमारी देश के 21 राज्यों में अपना विकराल रूप ले चुकी है। ‘लिंफेटिक फाइलेरियासिस’ को आम बोलचाल में फाइलेरिया कहते हैं। यह रोग मच्छर काटने से ही फैलता है। यह एक दर्दनाक रोग है। इसके कारण शरीर के अंग जैसे पैरों में और अंडकोष की थैली में सूजन आ जाती है। हालांकि समय से दवा लेकर इस रोग से छुटकारा पाया जा सकता है। ‘लिंफेटिक फाइलेरियासिस’ को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एमडीए (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

फाइलेरिया के लक्षण

सामान्यत तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं। बुखार, बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है। पैरों और हाथों में सूजन, हाथीपांव और हाइड्रोसिल (अंडकोषों का सूजन) के रूप में भी यह समस्या सामने आती है।