जमानियां। हिन्दू स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राचार्य पद पर सेवारत एवं पूर्वांचल आर्थिक संघ के अध्यक्ष डॉ.शरद कुमार ने बताया कि कोरोनावायरस के संक्रमण से देश की आर्थिक स्थिति संकट में है।
ऐसे में इस महामारी के प्रभाव से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए रिजर्व बैंक ने देश को अब तक की सबसे बड़ी राहत दी है। रेपो रेट जिस पर व्यापारिक बैंक आरबीआई से अल्पकालीन ऋण प्राप्त करते हैं, 0.75% की कमी की गई जो पिछले 11 साल में सबसे बड़ी कटौती है। इस तरह व्यापारिक बैंकों से मिलने वाला ऋण और भी कम ब्याज दर पर मिलेगा। रिवर्स रेपो दर भी 0.9 पर्सेंट से घटाकर 0.4 पर्सेंट कर दिया गया है। ईएमआई के भुगतान में तीन महीने की छूट देने से ब्याज और कर्ज चुकाने वाले लोगों को सुविधा प्रदान की गई है। बैंकों के नकद कोषों में परिवर्तन (सीआरआर) 1 पर्सेंट घटाकरके बैंकों की साख क्षमता को बढ़ाने का फैसला किया गया है। एक पर्सेंट सीआरआर कम होने के इस फैसले से चलन में 1.37 लाख करोड़ रुपए की मात्रा चलन में बढेगी। कुल मिलाकर आरबीआई के कई महत्वपूर्ण निर्णय से अर्थव्यवस्था में 3.74 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त पूर्ति बढ़ने की उम्मीद है जो निश्चित रूप से देश को संभावित मंदी से उबारने में सहायक सिद्ध हो सकती है,साथ ही अपेक्षित विकास दर पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। वस्तुतः यह महामारी एक वैश्विक संकट है जिसका असर विश्व अर्थवयवस्था पर साफ देखने को मिल रहा है और आगे भी जारी रहने की संभावना के बीच रिजर्व बैंक के इस निर्णय से जहां अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में बल मिलेगा वहीं आम जनता को इससे राहत मिलेगी।