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गाजीपुर। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित सामूहिक विवाह कार्यक्रम का भव्य आयोजन आरटीआई मैदान (नवीन स्टेडियम), गाजीपुर में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
इस सामूहिक विवाह समारोह में कुल 378 जोड़ों का विवाह पूरे विधि-विधान से संपन्न हुआ। समारोह में उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने नव-विवाहित वर-वधुओं को शुभकामनाएं देते हुए उनके सुखमय दांपत्य जीवन की मंगलकामना की।
विवाहित जोड़ों को प्रमाण पत्र एवं पौधारोपण हेतु आम का पौधा भेंट
सामूहिक विवाह में नवविवाहित जोड़ों को विवाह प्रमाण पत्र एवं पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से आम वृक्ष का पौधा प्रदान किया गया। कार्यक्रम के दौरान मंच से ही मा. मंत्री ओमप्रकाश राजभर के प्रतिनिधि, जिला विकास अधिकारी एवं परियोजना निदेशक ने संयुक्त रूप से बटन दबाकर वधुओं के खातों में 35,000 रुपये की धनराशि हस्तांतरित की।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत दी जाने वाली सहायता
परियोजना निदेशक राजेश यादव ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक जोड़े को कुल 51,000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है।
- 35,000 रुपये वधु के बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित किए जाते हैं।
- 10,000 रुपये उपहार स्वरूप प्रदान किए जाते हैं।
- 6,000 रुपये शादी समारोह के आयोजन हेतु व्यय किए जाते हैं।
परियोजना निदेशक ने बताया कि इस योजना का लाभ उन्हीं परिवारों को मिलता है, जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। विवाह हेतु लड़के की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष और लड़की की उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए।
दहेज प्रथा के उन्मूलन की ओर बढ़ता समाज
जिला विकास अधिकारी सुभाष चंद्र सरोज ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वचन देते हुए कहा कि सात फेरे लेकर लिए गए संकल्प को वे आजीवन निभाएं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना एक जनकल्याणकारी योजना है, जिसके तहत अब तक हजारों बेटियों का विवाह संपन्न कराया जा चुका है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने इस योजना के माध्यम से गरीब, मजदूर एवं असहाय परिवारों को आर्थिक सहायता देकर उनकी बेटियों के हाथ पीले करने का संकल्प लिया है। इस योजना के कारण समाज में फैली दहेज प्रथा जैसी कुप्रथाओं का उन्मूलन हो रहा है। उन्होंने अपील की कि बेटियों को बोझ न समझें, बल्कि उन्हें शिक्षित एवं स्वावलंबी बनाएं।
गर्भ भ्रूण परीक्षण न कराने की अपील
जिला विकास अधिकारी ने नवविवाहित जोड़ों से गर्भधारण के बाद भ्रूण परीक्षण न कराने की अपील की। उन्होंने कहा कि बेटा-बेटी में कोई भेदभाव न करें और समाज में बेटियों को समान अधिकार एवं सम्मान दें।
समारोह में कई गणमान्य लोग रहे उपस्थित
कार्यक्रम में मा. मंत्री ओमप्रकाश राजभर के प्रतिनिधि सुरेश राजभर, उपजिलाधिकारी सदर मनोज पाठक, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी राम नगीना यादव, खंड विकास अधिकारी, विभिन्न जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। जिला समाज कल्याण अधिकारी राम नगीना यादव ने कार्यक्रम के सफल आयोजन पर सभी को धन्यवाद देते हुए नवविवाहित जोड़ों को उनके सुखद भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।