कृषि सूचना तंत्र के सुद्ढीकरण के अन्तर्गत ब्लॉक स्तरीय गोष्ठी का हुआ आयोजन

कृषि सूचना तंत्र के सुद्ढीकरण के अन्तर्गत ब्लॉक स्तरीय गोष्ठी का हुआ आयोजन

जमानियाँ (गाजीपुर)। स्थानीय विकास खण्ड परिसर में शनिवार को कृषि सूचना तंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं कृषक जागरुकता कार्यक्रम के अन्तर्गत एक दिवसीय विकास खण्ड स्तरीय गोष्ठी व निवेश मेला तथा फसल बीमा पाठशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
मुख्य अतिथि ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि संतोष कुशवाहा ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए हम सभी को ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने चाहिए। पेड़ और पौधे हमारे वायुमंडल को शुद्ध तथा पेड़ों की पत्तियां सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणों को हमारे तक पहुंचने से रोकती हैं। हम सभी को रसायनिक खादों का प्रयोग कम करके आर्गेनिक खेती की तरफ बढ़ना चाहिए। हमारे अनाज में रासायनिक की मात्रा ज्यादा होने के कारण विदेशों में पूछ कम हुई है। इसलिए रासायनिक मुक्त अनाज की खेती करने की आवश्यक्ता है।      
विशिष्ठ अतिथि उप कृषि निदेशक अतीन्द्र सिंह ने कहा कि गोष्ठी का तात्पर्य किसानों को जागरुक करने के साथ ही बेहतर उत्पादन व उत्तम कृषि यन्त्र की जानकारी देना है।  फसल की शुरुआत जून माह में खरीफ की फसल से होता है। इस समय खेती की बेहतर प्लानिंग से ही रवि की फसल का उत्पादन बेहतर हो सकता है। कम दिन व ज्यादा उत्पादन करने धान की फसल लगाने पर रवि के फसल के लिए पर्याप्त समय मिल पायेगा जिससे ज्यादा उत्पादन  हो सकेगा। पहले सरसों की खेती होगी तो वह माहों से बच जायेगी व उत्पादन भी बढ़ जायेगा। जनपद में पीएम किसान के 4 लाख लाभार्थी है। ई केवाईसी न होने से 24 हजार किसान तथा भूलेख अंकन न होने व बैक खाता आधार से न जुड़ने के कारण बहुत से कृषक इस लाभ से वंचित है। पीएम किसान योजना से लाभान्वित होने के लिए सभी कागजात को अपडेट कराना आवश्यक है। डाकखाना में खाता खुलवाकर भी इस योजना का लाभ प्राप्त किया जा सकता है। जो किसान इस लाभ से वंचित है वो ऑनलाइन आवेदन कर सकते  है। किसानों को लाभान्वित करने के लिए कृषि केन्द्र से प्रमाणित बीज अब सब्सिड़ी काट कर मूल्य का 50 प्रतिशत ही धन किसानों से लेकर बीज मिलेगा। सोलर के लिए जनपद में 500 का लक्ष्य है जिसमें 40 प्रतिशत किसान देता है बाकि 60 प्रतिशत सरकार देती है। आत्मा, तिलहन योजन के तहत छोटे व बड़े यन्त्र किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी पर दिये जाते है। जबकि समूह में कृषि यन्त्र लेने पर 80 प्रतिशत छूट का लाभ मिलता है। इसके लिए ऑन लाइन आवेदन किये जाते है। फसल बीमा के बारे जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि किसान खुले आसमान के नीचे खेती करता है इसलिए फसल बीमा करना अति आवश्यक है। जनपद में 110 ऐसे गॉव है जहाँ किसानों का खेत बाढ़ में डूब जाता है तथा फसल बर्बाद हो जाती है। फसल बीमा के लिए किसान 2 प्रतिशत व सरकार 2 प्रतिशत खर्च करती है। प्रकृतिक आपदा आने पर बीमा कम्पनी जोखिम रिश्क उठाते हुए भुगतान देती है वही सरकार भी अनुग्रह राशि देकर किसानों की मदद करती है। फसल बीमा करने का अंतिम तिथि 31 जुलाई है। किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों के फसल का बीमा बैक स्वयं कर देता है। अन्य किसान जनसेवा केन्द्र से बीमा करा सकते है। रासायनिक खादों का इस्तेमाल आवश्यक्ता से अधिक नहीं करना चाहिए। पहली बरसात में यूरिया की मात्रा ज्यादा होती है। इसलिए पहली बरसात के पानी को खेतों का मेढ़ बन्दी कर रोकना चाहिए। यह यूरिया फसल के लिए रामबाड़ है। 90 प्रतिशत डीएपी विदेशों से आती है तथा यूरिया पर सरकार का खर्च 2000 रुपया आता है। जिसे सरकार सब्सिडी पर किसानों को उपलब्ध कराती है। बीडीओ बृजेश आस्थाना ने कहा कि आज हम उन्नत कृषि के द्वारा ही अनाज उत्पादन में मजबूत बन पाये है। खेती से पूर्व मृदा परीक्षण करवा कर रासायनिक खाद का प्रयोग किया जाना चाहिए। जिससे पौधे को सही पोषण मिल सके।  
उप पशु चिकित्सक डा० सर्वेश कुमार ने गर्मी में पशुओं के रख रखाव व दूध उत्पादन बढ़ाने तथा पशुधन बीमा के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उक्त मौके पर ग्राम प्रधान सुनील सिंह, एडीओ कृषि दीपक सिंह, अमरदेव राम, अनिल सिंह, संजय सिंह, रविन्द्र यादव, इन्द्रजीत सिंह, अमित प्रकाश सिंह, वेद प्रकाश सिंह, जीतेन्द्र यादव, सदानन्द भारती, कमला प्रसाद, अखिलेन्द्र सिंह, राम निवास सिंह आदि लोग मौजूद रहे।