हमीद सेतु: एन एच ए आई ने मरम्मत से पूर्व 30 टन तक के वाहनों को पुल से गुजरने की दी अनुमति ,गेंद अब जिलाप्रशासन के पाले में

हमीद सेतु: एन एच ए आई ने मरम्मत से पूर्व 30 टन तक के वाहनों को पुल से गुजरने की दी अनुमति ,गेंद अब जिलाप्रशासन के पाले में

सुहवल। निरीक्षण में एन एच ए आई ने सेतु के सभी रोलर बेयरिंगों बदलने का लिया फैसला ।मरम्मत शुरू होने में लग सकता है करीब 6 माह का समय फिलहाल एन एच ए आई ने मरम्मत से पूर्व 30 टन तक के वाहनों को पुल से गुजरने की दी अनुमति। गेंद अब जिलाप्रशासन के पाले में ।

ओवरलोड वाहनों के चलते पिछले पांच दिनों पूर्व सेतु के विभिन्न जगहों पर पडी ज्वाईंटर में दरार एवं खिसके स्पैन की मरम्मत की मरम्मत का काम अभी तक शुरु नहीं हो सका है ।जिसके कारण इसके वाहनों के सुरक्षित संचालन को लेकर आंशकाए बढने लगी है ।एन एच ए आई ने मरम्मत से पूूूूर्व निरीक्षण के उपरांत लोगों की समस्याओं जो देखते हुए जिलाधिकारी / जिलाप्रशासन को पुल से 30 टन तक के भार क्षमता वाले वाहनों के संंचालन की हरी झंडी दी है ,कहा कि इसके अधिक भार क्षमता के वाहनों का संचालन पुल के लिए कभी भी खतरा बन सकता है । निरीक्षण के बाद विभाग कि संंयुक्त , मीटिंग में पुल में आ रही बार-बार समस्या को देेखते हुए सभी पुरानी पड चुुकी रोलर बेयरिंगों को बदलने का भी फैसला किया गया । जबकि जनपद के आलाधिकारी सभी कुछ बोलने से साफ कतरा रहे है, वहीं लोगों का कहना है कि आखिर कब इनको अपने अधिकार का कर्तव्यबोध होगा ।वैसे हल्के चार पहिया वाहनों के संचालन से लोगों को अभी तक काफी सुकुन महसूस हो रहा है ।एक बार फिर भारी वाहनों के लिए पुल के बन्द होने से विभिन्न मार्गों किनारे होटल,ढाबा,रेस्तराँ, छोटे-बड़े सभी तरह के दुकानों के परदें गिरने के साथ ही लोगों के सामने आर्थिक संकट खडा होने की स्थिति बन रही है ।मालूम हो कि पुलिस की निसक्रियता एवं ओवरलोड वाहनों के संचालन के कारण बीते 9 दिसम्बर को सेतु के पीलर नंम्बर 6 एवं 5 के मध्य ज्वाईंटर नंम्बर 12 की रोलर बेयरिंग खिसकने से करीब तीन इंच दरार पड चुकी है ,वहीं ज्वाईंटर नंम्बर तीन व चार के मध्य पीलर नंम्बर 1 एवं 2 के मध्य स्पैन नंम्बर दो करीब तीन इंच खिसक गया, यहीं नहीं पी 1 के पास ज्वाईंटर नंम्बर एक के दोनों तरफ एप्रोच के ठीक पास की ज्वाईंटर की सपोर्टिंग के लिए लगाई गई कांक्रिट ओवरलोड वाहनों के दबाव के कारण टूटने लगी है,साथ ही ज्वाईंटर नंम्बर 16 में भी पहले की अपेक्षा काफी चौडीकरण दरार पड चुकी है ,जिसके कारण जिलाप्रशासन ने सुरक्षात्मक दृष्टिगत सभी तरह के भारी वाहनों के संचालन पर एक बार फिर रोक लगा दी ।क्षेत्रीय आम लोगों का कहना है कि पडोसी राज्य सहित अन्य जनपदों एवं सैकडों गाँव के आवागमन का एकमात्र प्रमुख मार्ग पर जिस तरह से संकट मडरा रहा है वह गंभीर विषय है, कहा कि अगर इसी तरह से सेतु से भारी ओवरलोड वाहनों का आवागमन बना रहा तो यह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो सकता है जिसके कारण इससे सभी लोगों का आवागमन को लेकर संम्पर्क टूटा जायेगा जो काफी विकट स्थिति उत्पन्न हो सकती है ।इसके लिए हर हाल में ओवरलोडिंग संचालन को रोकने के लिए प्रशासन को पूरी तरह से ईमानदारी दिखानी होगी ।तभी इस पुल को बचाया जा सकता है, अन्यथा सब भगवान भरोसे है, यह पुल एवं अन्य विभिन्न प्रमुख मार्ग पहले जहाँ वाहनों के आवागमन के कारण गुलजार रहा करते थे अब करीब इन बडे वाहनों का संचालन प्रतिबंध होने से संन्नाटे में डूब रहे है ।इस मामलें में एम एच ए आई वाराणसी के वरिष्ठ इंजीनियर देवराज शर्मा ने कहा कि लोगों की समस्याओं जो देखते हुए विभाग ने जिलाधिकारी / जिलाप्रशासन को पुल से 30 टन तक के भार क्षमता वाले वाहनों के संंचालन की हरी झंडी दी गई है ,.कहा कि इसके अधिक भार क्षमता के वाहनों का संचालन पुल के लिए कभी भी खतरा बन सकता है ।कहा कि निरीक्षण के बाद विभाग कि संंयुक्त , मीटिंग में पुल में आ रही बार-बार समस्या को देेखते हुए सभी पुरानी पड चुुकी रोलर बेयरिंगों को बदलने का फैसला किया गया, चूंकी इस पूरी प्रक्रिया में करीब महीनों का समय लग सकता है, केन्द्रीय सडक परिवहन राजमार्ग मंत्रालय से अनुमति के बाद टेंडर आदि की प्रक्रिया के बाद ही मरम्मत काम शुरू होगा तब तक इस लिए विभाग ने मरम्मत से पूर्व 30 टन तक के भार क्षमता वाले वाहनों को आने-जाने की अनुमति दी गई है वैसे इसका निर्णय जिलाप्रशासन को लेना है ।