गाजीपुर। श्रम प्रवर्तन अधिकारी कृते सहायक श्रमायुक्त लईक अहमद गाजीपुर ने बताया कि श्रम विभाग द्वारा प्रदेश में बाल श्रम उन्मूलन एवं बंधुआ श्रम उन्मूलन रथ यात्रा अभियान के माध्यम से जन-जागरूकता अभियान जलाया जा रहा है।
जिसके अन्तर्गत 19.03.2020 को श्रम विभाग द्वारा नामित संस्था ‘‘संस्कार‘ द्वारा जनपद के जमानिया तहसील, लंका बस स्टैण्ड, सरजू पाण्डेय पार्क, गोराबाजार जिला चिकित्सालय, नन्दगंज सोहराब बाबा मजार एवं सैदपुर तहसील व बाजार में आडियो/ विडियों एवं नुक्कडत्र नाटक का आयोजन कर तथा जन सामान्य में पंपलेट वितरित कर जन-जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसमें बाल श्रम उन्मूलन व बंधुआ श्रम उन्मूलन विषय पर वक्ताओं द्वारा अपने विचार व्यक्त किया गया कि बाल श्रम एक कुप्रथा है, जिसमें बच्चे कम आयु में ही क्षमता से अधिक श्रम करने के कारण शारीरिक व मानसिक विकास से वंचित हो जाते हैं, ऐसे कामकाजी बच्चों के प्रति व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए उन्हें बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 यथा संशोधित, 2016 के अनुसार कार्यस्थलों से अवमुक्त कराकर उनके परिवार के किसी एक सदस्य को कौशल विकास रोजगार परक शिक्षा से जोड़ने व उनके परिवारों की भोजन, आवस, स्वास्थ्य आदि की समुचित व्यवस्था किये जाने की आवश्यकता हैं जिससे ऐसे परिवार पालन-पोषण के लिए अपने बच्चों की आय पर निर्भर न रह सकें तथा सरकार की ओर से चलायी जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजना यथा प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन पेंशन योजना, बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए चिकित्सा सुविधा योजना, शिशु/मातृत्व हित लाभ योजना, मेधावी छात्र पुरस्कार योजना, कन्या विवाह सहायता योजना, संत रविदास शिक्षा सहायता योजना आदि के क्रियान्वयन में पंचायतीराज संस्थाओं व उनके निर्वाचित प्रतिनिधियों की अहम भूमिका पर चार्चा की गयी। श्रम प्रवर्तन अधिकारी/नोडल अधिकारी, लईक अहमद द्वारा बताया गया कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों से किसी भी प्रकार का श्रम कराना दण्डनीय अपराध है। कानून का उल्लंघन करने पर सम्बन्धित के विरूद्ध विधिक कार्यवाही अपनायी जायेगी। इस अवसर पर तकनीकी रिसोर्स पर्सन, यूनिसेफ, अमीनुद्दीन, प्रशासनिक अधिकारी शेर अली, आदि उपस्थित रहे।