विशेष प्रजाति की सफेद गिलहरी मिलने का दावा

विशेष प्रजाति की सफेद गिलहरी मिलने का दावा

गाज़ीपुर।जमानियाँ के उपोष्णकटिबंधीय जंगल में एक पांच धारी वाली गिलहरी, फ्यूनामबुल्स पेनान्टी प्रजाति की (ल्यूसीस्टिक) सफेद व्यस्क दर्ज की गई है।

रमेश सिंह यादव (स्वतंत्र शोधकर्ता) और और भूतपूर्व शोधार्थी, कीट एवं कृषि जन्तु विज्ञान विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय भारत ने वन क्षेत्र का भ्रमण करने पर इस ल्यूसीस्टिक ( सफेद) गिलहरी की उपस्थिति की पुष्टि की है। श्री यादव ने इसकी उपस्थिति के बारे में वन के क्षेत्रों के आस- पास के कुछ निवासियों से पूछा, तो उन्होंने जवाब दिया कि यह कुछ दिनों पहले से देखी जा रही है।
रमेश सिंह यादव ने कहा, “मुझे उत्तर प्रदेश के जमानियाँ, गाजीपुर जिले में उपोष्णकटिबंधीय मानव निर्मित जंगल के एक विशिष्ट स्थल से ल्यूसिस्टिक ( सफेद) पांच धारीदार गिलहरी, मिली, जो इस प्रजाति के उत्तर भारत से मिलने वाली पहली घटना बताया। इस तरह की खोजें शोध को एक नया आयाम देंगी।

श्री यादव ने कहा कि जंगली स्तनधारियों में रंग की असामान्यताएं बहुत कम मिलती हैं। ये असामान्यताएँ कई कारकों द्वारा नियंत्रित होती हैं, जैसे कि पर्यावरण प्रदूषण, जन्मजात संक्रमण, कम पोषक तत्व युक्त भोजन, आनुवंशिक आदि कारण हैं। यह गुण अंतर्निहित (पीढ़ी दर पीढ़ी वाला) हो सकता है।

पांच धारीदार हथेली गिलहरी, फ्यूनामबुल्स पेनान्टी में ल्यूसिज्म की पहली रिपोर्ट भारत के महाराष्ट्र के सतारा जिले से मिली थी। श्री यादव ने कहा कि यह पांच धारीदार वाली गिलहरी, फ्यूनामबुल्स पेनान्टी भारत के लिए दूसरा रिकॉर्ड है। इस तरह के जंतुओं की जीवन प्रत्याशा बहुत कम होती है और मुझे यह कहते हुए बहुत दुःख भी हो रहा है कि यह सफेद प्रजाति आज इस दुनिया में नहीं है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इसे एक कुत्ते ने अपना शिकार बना लिया। फ्यूनामबुल्स की अन्य प्रजातियों में ल्यूसीज्म को पहले तमिलनाडु और गोवा से रिकॉर्ड किया गया था।

हमें पता होना चाहिए कि जीनस फ्यूनामबुल्स परिवार की सबसे सामान्य पीढ़ी में से एक है। इसकी छह प्रजातियाँ हैं। फ्यूनामबुल्स लेर्डी, फ्यूनामबुल्स पालमेरम ,फ्यूनामबुल्स ट्रिस्ट्रियटस, फ्यूनामबुल्स पेनांटी , फ्यूनामबुल्स ऑबस्क्यूरस और फ्यूनामबुल्स सबलाइनीटस। उत्तर भारत मे फ्यूनामबुल्स पेनांटी बहुतायत से मिलती है।