नगसर(ग़ाजीपुर)। स्थानीय क्षेत्र के विशुनपुरा गांव के प्राचीन शिव मंदिर पर बुधवार से श्रीमदद्भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ अमृत कथा का आयोजन किया गया है जिसमे कथा के प्रथम दिन बुधवार को कथा व्यास पं0 भृगुभूषण ओझा ने कथा के प्रारंभ में जीव और कर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि हजारों बार जन्म लेने के बाद भी कर्म फल को जीव को भोगना ही पड़ेगा।
उसमे किसी को किसी तरह का भौतिक उपाय बचा नही सकता।वहा कोई सोना या धन काम नही आएगा सिर्फ भगवद्भजन ही काम आएगा।मृत्यु को समारोह के रूप में मानकर जीव को सावधान होकर जीना पडेगा और भगवान का भजन कीर्तन ही एक मात्र सहारा है। कथा के आयोजन में गांव के साथ ही क्षेत्रीय लोग भी सहयोगी रूप से लगे हैं और क्षेत्र के सैकड़ों लोग कथा का रसपान कर रहे है।